
एक ओर जहां पुरा देश राष्ट्रीय महापर्व गणतंत्र दिवस को लेकर अस्त व्यस्त व हर्षोल्लास के साथ झंडोत्तोलन में मग्न थे, वहीं बिहार राज्य के खगड़िया जिले के चौथम अंचलाधिकारी व सीओ भरत भूषण सिंह और थानेदार मुरारी कुमार ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय ध्वज को अपनी पावर का दुरूपयोग कर दलबल के साथ उखाड़ के युं हीं फेंक दिया। अर्थात भारत माता की आन बान और शान या लाखों कुर्बानियां के तत्पश्चात मिली आजादी के साथ खिलवाड़, मां भारती की दिनदहाड़े सबों के सामने अपमान। अब आप ही बताइए कि ऐसे पदाधिकारियों के द्वारा कहां तक देश और देश की आन बान और शान तिरंगा सुरक्षित । वहीं मौके पर मौजूद चौथम के नवटोलिया के ग्रामीणों ने सीओ साहब और थानेदार साहब द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जम कर वायरल कर दिया। यह घटना ध्वजारोहण के चंद मिनटों बाद की है।

वहीं जब दोनों अधिकारी गणों से बातचीत किया गया तो दोनों ने विवादित जमीन बता और अपनी गलती को अस्वीकार कर दिया। जहां वायरल वीडियो में साफ दिख रही है कि तिरंगा की किस तरह से खुलेआम जमीन पर से उखाड़ और बीच मैदान में फेंक रहे हैं ऐसे मनबढ़ु अधिकारी। अब आप ही बताइए कि जमीन विवादित हों या अविवादित झंडा तो सभी देशवासियों की आन बान और शान है। ये झंडा शांति एकता की पहचान है और एक दिन झंडा फहरा हीं दिया तो अधिकारी के कौन सी जमीन कब्जा हो जाएगी।

अंततः खगड़िया पुलिस कप्तान अमितेश कुमार ने बताया कि तिरंगा की अपमान अर्थात देश के साथ अपमान, यह बहुत ही सुखद और अशोभनीय हैं। फिलहाल अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी इस मामले की संयुक्त टीम जांच करेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई दी जाएगी। अब आगे देखना ये है कि वायरल वीडियो में दिख रही तिरंगा की सरासर अपमान की कहां तक जांच होती है और क्या सच में कार्रवाई होती है ? वहीं खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली केसर ने भी वायरल वीडियो को देख दोनों के ऊपर दोनों पर बिना जांच के कार्रवाई की बात बताई हैं। वहीं लोजपा के जीला अध्यक्ष शिवराज यादव ने भी कहा कि भारत माता के साथ अपमान को कदापि नहीं बक्शा जायेगा, यदि कार्रवाई नहीं हुई तो पुरे लोजपा प्रदेश में ईंट से ईंट बजा देगी।
