मुश्किलों में मुस्कराऊंगा।
गमों में भी गुनगुनाऊंगा।
नव वर्ष में संकल्प मेरा।
मैं किसी के काम आऊंगा।।
नारी का सम्मान करूंगा।
ईश्वर का गुणगान करूंगा।
भारत का मस्तक ऊंचा हो।
स्वदेश हित मैं काम करूंगा।।
कलम की धार तेज करूंगा।
अनीति का प्रतिकार करूंगा।
चाहे जीत हो या हार पर,
संघर्ष मैं हरपल करूंगा।।
अन्याय से नफरत करूंगा।
सद्धर्म के पथ पर चलूंगा।
मंजिल मुझे मिले या न मिले,
सन्मार्ग पर चलता रहूंगा।।
संकल्प मेरा पूर्ण हो हरि।
माँगता हूं मैं कर जोर करि।
प्रेम हो सबसे जगत में बस,
‘प्यारे’ मित्र हो या हो अरि।।
प्यारेलाल साहू मरौद छत्तीसगढ़