कोविड के नियमों का पालन करते हुए पूरे देश भर में मनाया गया आज सातवां विश्व योग दिवस।
अमरजीत सिंह संवाददाता, भागलपुरआज 21 जून को पूरे विश्व में सातवां विश्व योग दिवस मनाया गया वही अपने जिला भागलपुर व भागलपुर के आसपास भी कई जगह, कई संस्थाओं नेआज विश्व योग दिवस मनाया। इसबार योग दिवस का थीम कोरोना से बचाव को लेकर था। कई जगह यह कार्यक्रम वर्चुअल हुए तो कई संस्थानों ने कोविड नियमों का पूर्ण रुप से पालन करते हुए खुले मैदान में भी किया। आज तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में एनएसएस के तत्वावधान में विश्व योग दिवस का कार्यक्रम किया गया वही भागलपुर के वशिष्ठ योग केंद्र, अंग योगा केंद्र आदि में विश्व योग दिवस मनाया गया ।योग गुरु राजीव मिश्रा , योगी राहुल,अभिजीत सिंह, कमलेश सिंह आदि ने भी लोगों से योग करने की अपील की। आनंदराम धनधानिया सरस्वती शिशु मंदिर में भी कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए यह योग कार्यक्रम का आयोजन हुआ, वही बिहार प्रदेश पूर्व सैनिक संघ के कार्यालय में भी यह आयोजन हुआ जहां ज्ञान शंकर, ऋषि देव ,राजेश, अशोक, अखिलेश ,रहमान आदि उपस्थित थे। वहीं दूसरी तरफ़ स्थानीय विवाह भवन में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा भी शहर के कई जगहों पर योग दिवस का कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन भाजपा जिलाध्यक्ष भागलपुर के रोहित पांडे के नेतृत्व में किया गया। वहीं राहुल कुमार खुशबू अग्रवाल अविनाश मिश्रा ने भी लोगों को प्रेरित करने के लिए योग का कार्यक्रम रखा। बाल भारती विद्यालय नवगछिया के दोनों शाखाओं के बच्चे ने भी ऑनलाइन योगा कार्यक्रम में भाग लिया। बाल भारती विद्यालय दोनों शाखाओं के प्रधानाचार्य , शिक्षक व विद्यालय प्रबंधन के सभी पदाधिकारी भी इसमें शामिल थे।
21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। बताते चलें कि पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। योग दिवस को मनाए जाने का प्रस्ताव सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में किया था तब से यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना शुरू हुआ। योग का अर्थ है जुड़ना ।मन को वश में करना और कृतियों से मुक्त होना योग है ।सदियों पहले महर्षि पतंजलि ने मुक्ति के आठ द्वारा बताए जिन्हें हम अष्टांग योग कहते हैं। मौजूदा दौर में हम अष्टांग योग के कुछ अंगों जैसे आसन, प्राणायाम और ध्यान को ही जान पाए हैं, लेकिन इसमें यम ,नियम ,आसन ,प्राणायाम, प्रत्याहार ,ध्यान ,समाधि आदि है।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते इसका आयोजन पिछले साल भी वर्चुअल था और इस साल भी वर्चुअल ही किया गया परन्तु कहीं कहीं और कुछ जगहों पर योगा किया गया तो कोविड के पूरे नियम शर्तों के साथ किया गया।
बताते चलें कि हर साल इंटरनेशनल योग डे के आयोजन का थीम बिंदु होता है, इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे योग फॉर वेल बीइंग यानी कल्याण के लिए योग रखा है। बीते दो साल से वैश्विक महामारी के दौरान यह देखा गया कि योग ना केवल शारीरिक तौर पर बल्कि लोगों को मानसिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर भी मजबूत रख रहा है, जिससे वे कोविड संबंधी मुश्किलों का बेहतर ढंग से सामना कर पा रहे हैं।
यह इंटरनेशनल योग डे मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के अपने संबोधन में किया था और फिर पहला इंटरनेशनल योग डे यानी 21 जून 2015 को दिल्ली के राजपथ पर हुए आयोजन में भारत के प्रधानमंत्री और दुनिया के दूसरे देशों के जाने-माने राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ करीब 36000 लोगों ने 35 मिनट तक योग के 21 आसन करके इसकी शुरुआत की ,तब से यह इंटरनेशनल योग दिवस पूरे विश्व में कीर्तिमान हासिल किया और इसे अपने राष्ट्र की मजबूती के लिए भी किया जाने लगा। कहा जाता है हम स्वस्थ हैं तो देश स्वस्थ है।कहा जाता है अगर हम रोज कपालभाति करते हैं तो हमें थायराइड ,चर्म रोग ,डायबिटीज ,डिप्रेशन ,अनिद्रा, गठिया ,एसिडिटी ,पाचन शक्ति सबों से निजात मिलता है।