डॉक्टरों ने खड़े कर दिए हाथ, इंटरनेट मीडिया पर अपील देख पटना से भागलपुर पहुंचे आर के पांडे
सुल्तानगंज के स्वच्छता निरीक्षक दिलीप कुमार दुबे की नतनी लड़ रही थी जिंदगी और मौत से जंग
ब्लड संक्रमण से पीड़ित थी बच्ची, ओ पॉजिटिव ब्लड की थी आवश्यकता

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई यह पंक्ति 21वीं सदी में भी बिल्कुल सटीक बैठती है। आज के इस भौतिकवादी दुनिया में जहां लोग अपने और खून के रिश्तो को दरकिनार कर चलते हैं वही समाज में ऐसे भी लोग हैं जो खून की बूंद देने के लिए ढाई सौ किलोमीटर की दूरी तय कर भागलपुर पहुंच गए। सशस्त्र सीमा बल में प्रशिक्षु असिस्टेंट कमांडेंट आर के पांडे ने मानवता की बड़ी मिसाल पेश की है। दरअसल उन्होंने मंगलवार को 250 किलोमीटर की यात्रा तय कर जिंदगी और मौत से लड़ रही बच्ची को नई जिंदगी का तोहफा दिया है। बीते 15 दिनों से सुल्तानगंज के स्वच्छता निरीक्षक दिलीप कुमार दुबे की नतनी तीन वर्षीय आध्या भागलपुर के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। सोमवार सुबह डॉक्टरों ने हाथ खड़ा कर दिया और बताया कि ब्लड में इन्फेक्शन का लेवल बस्तर 72. 64 पर चला गया है। इस खतरे से निकालने के लिए तत्काल बच्चे को ब्लड की आवश्यकता है जिसके बाद ब्लड की तलाश हुई। लेकिन ओ पॉजिटिव ब्लड कहीं नहीं मिल सका। थक हार कर स्वच्छता निरीक्षक दिलीप कुमार दुबे ने इंटरनेट मीडिया पर गुहार लगाई की बच्ची की जान बचाने के लिए ओ पॉजिटिव ग्रुप ब्लड की तत्काल आवश्यकता है। जिसके बाद असिस्टेंट कमांडेंट आर के पांडे की नजर इस पर पड़ी तत्काल उन्होंने स्वच्छता निरीक्षक दिलीप कुमार दुबे से बात की और कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है।वह पहुंच रहे हैं ।असिस्टेंट कमांडेंट आरके पांडे ने बताया कि जिस वक्त इंटरनेट मीडिया पर उसने देखा की बच्ची को तत्काल खून की आवश्यकता ।है उनका भी ब्लड ग्रुप यही है इसके बाद उन्होंने पटना से भागलपुर की दूरी अपने निजी वाहन से तय की और हॉस्पिटल पहुंचकर रक्तदान किया। एक गुहार पर पटना से खुद भागलपुर पहुंचकर रक्तदान करने वाले आर के पांडे ने बताया कि बच्ची से जान से बड़ी कोई कीमत नहीं है ।उसने बच्ची को नई जिंदगी का तोहफा दिया है। जो जिंदगी भर उसे याद रहेगा ।इधर बच्ची आद्या के पिता अजीत रंजन ने हाथ जोड़कर आर के पांडे का आभार जताया है और कहा है कि ऐसे दानवीर दक्ष और रक्तवीर लोग जब तक समाज में है। तब तक कोई लोग जिंदगी से नहीं हार सकता। चिकित्सक ने बताया कि फिलहाल बच्ची की हालत खतरे से बाहर है।रिकवरी तेजी से हो रहा है।