

खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड के तेमथा करारी पंचायत के सिराज पुर गांव में पंचायत के मुखिया राजीव चौधरी के आवास परिसर में शुक्रवार को उनके पिता ज्योतिन्द्र चौधरी के अंतिम श्राद्ध कर्म पर शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें इलाके के कई बुद्धिजीवी और प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थित हुई थी। साथ ही साथ वहीं परबत्ता जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार का भी आगमन हुआ था। जहां परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने भी ज्योतिंद्र चौधरी के तेलचित्र पर पुष्प अर्पित कर ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना किया। वहीं इलाके के मशहूर नाटककार और खेलप्रेमी सह भुत पुर्व पैक्स अध्यक्ष ज्योतिन्द्र चौधरी के अचानक स्वर्गवासी होने को लेकर परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि वे एक बेवाक वक्ताओं में से एक थे और वे वॉलीबॉल खेल में काफी रूचि रखते थे। साथ ही साथ उनके पैक्स अध्यक्ष ज्योतिन्द्र चौधरी को इस क्षेत्र में लोग अच्छे नाटककार के रूप में भी जाना करते थे। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि ज्योतिंद्र चौधरी कभी मुंह आगे, पीठ पीछे नहीं बोलते थे। उनके निधन से परबत्ता विधानसभा को अपूर्ण क्षति हुई है।


वहीं इस शोक सभा में जिला परिषद सदस्य शैलेश कुमार ने पहुंच पुर्व पैक्स अध्यक्ष ज्योतिन्द्र चौधरी के तेलचित्र पर पुष्प अर्पित कर ईश्वर से इनके आत्म शांति और इसके परिवार के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना किया कर अपने संबोधन में कहा कि कहने और देखने को तो यह एक शोक सभा है लेकिन सही मायने में पुछिए तो यह सभा शोक सभा नहीं बल्कि सुख सभा हैं। क्योंकि ज्योतिन्द्र चौधरी ने अपने जीवन काल में जितना कुछ समाज हित में कार्य किया। यदि उन सभी कार्यों की बखान किया जाय तो दिन से रात ढल सुर्य उदय हो जाएगी, फिर भी इनके कार्यों की बखान व विश्लेषण कम हीं रह जाएगी। हमारे अभिभावक ज्योतिन्द्र चौधरी को पुनः ऊर्जावान शरीर पाने खातिर और इन सभी कार्यों की ताजातरीन करने हेतु शरीर पाने खातिर इस बुढ़ापे की शरीर रुप से जाना अत्यंत आवश्यक थी। मुझे ईश्वर पर पुर्ण विश्वास है कि हमारे अभिभावक ज्योतिन्द्र चौधरी का इस क्षेत्र में पुनर्जन्म अतिसीघ्र और अवश्य होगा। फिलहाल वर्तमान समय में भी हमारे अभिभावक सुक्ष्म रुप से हम सभी के बीच और अपने परिवार के बीच जरूर मौजूद थे और रहेंगे। अंततः मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि तेमथा करारी पंचायत के मुखिया राजीव चौधरी का इस शोक सभा नहीं बल्कि सदा सुख सभा के रूप में विकास की ओर बढ़ती रहें।



वहीं मंच संचालन कर रहे शिक्षक सह इलाके के मशहूर उद्घोषक अमरनाथ चौधरी उर्फ मखानी ने भी कहा कि ज्योतिन्द्र चौधरी का सान्निध्य बचपन से अब तक मिलता आ रहा था। वो एक बहुत ही दिलदार और विचारों के मद्देनजर हमारे अभिभावक समान थे। उनके निधन होने पर सिर्फ सिराजपुर गांव हीं नहीं बल्कि पूरे परबत्ता प्रखंड वासियों के लिए अपुर्ण क्षति का विषय बना हुआ है। हमारे अभिभावक ज्योतिन्द्र चौधरी का मिलन ग्रामीण होने के नाते तो अक्सर हो हीं जाया करती थी लेकिन खास मिलन तो नाटक के मंच पर कुछ विशेष रूप से मुलाकात हुआ करती थी और मुझे भी बीच बीच में कुछ निर्देश मिला करती थी। जो मुझे काफी अच्छा लगता था।

वहीं मौके पर इस शोक सभा में संत मृदुभाषी वक्ता सुभाष चंद्र चौधरी, समाजसेवी शिक्षक राज किशोर चौधरी, पूर्व शिक्षक शशि भूषण चौधरी, शक्ति कुमार विमल, सत्संगी शंभू नाथ चौधरी, पूर्व शिक्षक अवधी कांत चौधरी,पुर्व मुखिया जय-जय राम चौधरी, शिक्षक अशोक चौधरी, आनंद मिश्र, श्री राम प्रवेश चौधरी, नागेश्वर प्रसाद राय, विजय चौधरी, पीयूष, अनिल चौधरी, प्रसिद्ध कुमार, रामबालक बाबू समेत सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और गणमान्य राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति देखी।
