सुन ले तूमेरी पुकार हो जाए कुछ मेरा भी भला
एक उलझन बड़ी आ गई श्याम तु भी तो इससे नहीं होगा अनजान।
अब कर निदान तु ही इस उलझन का
क्यों भला तू चुप साधे बैठा,
हमने भी ठानी है यूं न खाली जाएंगे,
तेरे सिवा किसकोहम पुकारेगें
लेनी होगी खबर मेरी भी श्याम
यूं हीं नहीं है जग मे तेरा नाम।
सोच क्या होगा हाल मेरा
देख न पाऊंगी कल का सवेरा
तूझको भी क्या श्याम एक पल चैन आएगा
दर से कोई निराश तेरे जाएगा,
आखें तेरी भीभर आएगीं श्याम
मेरा क्या दर पे तेरे जाएगी जान।
सुन ले तू मेरी पुकार हो जाए कुछ मेरा भी भला
एक उलझन बड़ी आ गई श्याम तु भी तो इससे नहीं होगा अनजान।
संगीता श्रीवास्तवा
वाराणसी यूपी