वट सावित्री पुजन (सोमवार) को लेकर बाजार में दिखी रौनक

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नवविवाहित महिलाएं हर्षोल्लास के साथ की बाजारों में खरीदारी

श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से

खगड़िया जिला अंतर्गत परबत्ता प्रखंड सहित सभी प्रखंडों व क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर ज्येष्ठ मास की अमावस्या को आने वाला वट सावित्री सोमवार को मनाया जाएगा। जिसको लेकर क्षेत्र की सुहागिन महिलाए सुबह गंगा स्नान कर मंदिरो में पूजा अर्चना के बाद अरवा भोजन प्राप्त करेगें। साथ ही साथ हाथों में मेंहदी रचेगी। कोरोना महामारी के 2 वर्ष बाद इस पर्व को मनाने को लेकर महिलाओं में खुशीयाँ देखी जायेगी। सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष के नीचे काफी हर्षोल्लास के साथ पूजा अर्चना करेगी। ऐसी मान्यता है कि जो भी स्त्री इस व्रत को करती हैं, उसका सुहाग अमर रहता है। कहा जाता है कि सावित्री ने अपने अपने पति सत्यवान को यमराज के मुख से बचा लिया था। उसी प्रकार से इस व्रत को करने वाली स्त्री के पति पर आने वाल हर संकट दूर हो जाता हैं। इस व्रत के दिन स्त्रियाँ बरगद वृक्ष के नीचे सौलह श्रृंगार कर आभूषण से सुसज्जित सावित्री-सत्यवान का पूजन करती हैं। इस कारण से यह व्रत का नाम वट – सावित्री के नाम से प्रसिद्ध हैं। इस व्रत का विवरण स्कंद पुराणभविष्योत्तर पुराण तथा निर्णयामृत आदि में दिया गया हैं। यहां के पंडितों के अनुसार हमारे धर्मिक ग्रंथों में वट वृक्ष में ब्रह्मा ( जड ) विष्णु ( तना ) एवं महेश ( पत्ते ) में की विराजमान रहते हैं तथा ऐसी मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन व्रत आदि करने तथा कथा सुनने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।

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क्षेत्र के नवविवाहिता स्मृति कुमारी, अनुपम कुमारी, शिल्पी कुमारी, चांदनी कुमारी आदि की माने तो की माने तो इस पर्व को लेकर उन्हें वट सावित्री पूजन को लेकर काफी उत्साह हैं। इनका ऐसा कहना है कि महिलाएं अपने अमर सुहाग के लिए व्रत के साथ साथ वट वृक्ष का पूजा अर्चना करती हैं। नवविवाहिता के लिए यह दिन अनोखा  हैं । नवविवाहिता के लिए ससुराल की तरफ से पूजन की सामग्री कई प्रकार के पकवान एवं मिष्ठान नए वस्त्र, बांस का  पंखा नाग नागिन आदि भेजा जाता है। आज के दिन नवविवाहिता विधि विधान तरीके से पूजा अर्चना करती हैं। महिलाएं एक समुह बनाकर गीत गातीं हुई वट वृक्ष के पास जाती हैं और घंटों पूजा अर्चना का कार्यक्रम चलती हैं। इसके बाद लाल कपड़ा अर्पित कर और फल समर्पित करती है साथ ही फिर बांस के पंखे से सावित्री-सत्यवान को हवा कर और बरगद के एक पत्ते को अपने बालों में लगाती हैं।

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वट सावित्री पूजन में फल का अधिक महत्व रहता हैं। कई फलों से सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष के नीचे पूजन करती हैं। इसमें कई प्रकार के फल की जरूरत होती हैं। इसके मद्देनजर बाजार में लोग फलों की खरीदारी समेत अन्य श्रृंगार सम्मान आदि की खरीदारी में रविवार को करने में लगे रहे। यहां के विभिन्न बाजारों में फलों की कीमत में उछाल रहा। यहां के बिनय कुमार, सुदामा साह, प्रदीप साह, अजय साह, संजय कुमार, राजेश कुमार आदि फल विक्रेता ने बताया कि इन दिनों आम 70 रुपए प्रति किलो, केला ₹30 प्रति दर्जन, सेव ₹240 प्रति किलो, नारंगी ₹140 प्रति किलो, खीरा ₹50 प्रति किलो, अनार 180 रुपया किलो, नारियल ₹30 प्रति, अंगूर 150 रुपया किलो, लीची ₹160 प्रति सैकड़ा बाजार में बिक्री हो रही हैं ‌। लोग इसे बढ़चढकर खरीद कर रहे हैं क्योंकि पूजा में इसकी काफी व अतिआवश्यक होती हैं।

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