स्प्रिचुअल साइंटिस्ट डॉ चिन्मय पंड्या के दिव्य वाणी का श्रवण करने पहुंचे हजारों श्रद्धालु

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श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से

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वर्तमान स्थिति में युवा साधन पर नहीं बल्कि साधना पर ध्यान दें, तभी राष्ट्र का नव निर्माण संभव होगा. चिन्मय पांडया

बिहार की पवित्र भूमि खगड़िया में बीते शनिवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार, उत्तराखंड के प्रति कुलपति सह स्प्रिचुअल साइंटिस्ट डॉक्टर चिन्मय पांड्या ने शहर के सीढ़ी घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ के प्रांगण में हो रही चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में युवाओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता को आत्मसात कर एक आम युवक प्रसिद्ध स्वामी विवेकानंद, दयानंद व अरविंद बन गए । आज के युवाओं को भी जरूरी है कि वे आध्यात्मिकता को जीवन में शामिल करें। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अनैतिक सफलता से अनैतिक सफलता ठीक हैं। सफलता की परिभाषा प्रतिद्वंद्वता नहीं होनी चाहिए, बल्कि आचरण की शुद्धता होनी चाहिए । तभी राष्ट्र, समाज एवं स्वयं का नवनिर्माण होगा। इससे पहले मुख्य ट्रस्टी डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी ने डॉ चिन्मय पंड्या को चंदन लगाकर और संयोजक अरविंद कुमार हिमांशु ने पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया।

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गायत्री साधकों ने राष्ट्र कल्याण, विश्व कल्याण की मंगल भावनाएं से यज्ञ में आहुतियां दी। शांतिकुंज हरिद्वार के ऋषि पुत्र टोली नायक विनय केसरी के आचार्यत्व में पूजा अर्चना की जा रही है। तत्पश्चात 108 कुंडीय पर दंपतियों ने मंत्रोच्चार पूर्वक आहुतियां देकर हवन महायज्ञ की शुरुआत की। वहीं ऋषि पुत्र विनय केसरी ने बताया कि हवन यज्ञ की विशेष महत्ता है, इसमें हवन के दौरान जो भी आहुतियां के रूप में हम जो संविदा देते हैं । वह परिवर्तित होकर वायु, जल, भूमि सहित पूरे वातावरण को शुद्ध करती हैं। उन्होंने गायन के माध्यम से कहा कि हम जो कुछ भी एक चढ़ाते हैं। वह यज्ञ में तो बदले में सौ – सौ अग्निदेव लुटाते हैं।

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वहीं बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं के लिए यज्ञशाला में भोजन, आवास की भी उत्तम व्यवस्था की गई हैं। वहीं इस महायज्ञ में खासकर युवा संयोजक अमित कुमार,मंजू देवी, जानकी देवी, रंजन कुमार साह, के साथ ही साथ मौके पर संतोष कुमार, मुकेश कुमार, सनी कुमार, अमित कुमार, प्रभा देवी, अनिता देवी, बिपिन कुमार,नीरज कुमार, अभिषेक कुमार, सत्यम कुमार, राजा कुमार, गोपाल कुमार आदि दर्जनों सक्रिय कार्यकर्ता व सैकड़ों की संख्याओं में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

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हवन व टोली के विदाई के साथ चार दिवसीय गायत्री महायज्ञ का 24 अप्रैल को समापन होगा। गत 21 अप्रैल को कलश शोभायात्रा के साथ महायज्ञ की शुरुआत हुई थी। वहीं इस महायज्ञ के आयोजन से पूरे इलाके का माहौल भक्तिमय, आस्थामय हो गया हैं। महायज्ञ में भाग लेने पड़ोसी जिले सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, बेगूसराय, समस्तीपुर आदि जिले से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुए हैं। साथ ही साथ इस आयोजन से पूरा इलाका जय गायत्री माता, पूज्य गुरुदेव और वंदनीया माता जी की जय कारा से गुंजायमान बना हुआ है। इसके साथ ही साथ 2 मिनट मौन रखकर पूर्व मुख्य प्रबंधक राजेंद्र सर्राफ को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मौके पर एडीएम शत्रुंजय मिश्रा, सहायक संयोजक त्रिभुवन सिंह, डॉ अमोद कुमार, अनिल जयसवाल, अमित कुमार, संतोष कुमार, मुकेश कुमार, प्रिंस आदि उपस्थित थे।

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