श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत सियादतपुर अगुआनी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग गांव में कन्या मध्य विद्यालय से सेवानिवृत्ति शिक्षिका स्वर्गीय द्रोपदी देवी की प्रथम पुण्यतिथि पर संगीतमय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय कलाकार शामिल हूए। वहीं संध्या समय से देर रात तक पुरे गांवों में भक्तिमय, संगीतमय माहौल बना रहा। दिवंगत शिक्षिका द्रोपदी देवी के तैल चित्र प्रतिमा पर साहित्यिक संगीतज्ञ डॉ अजय राय, विश्व भारती शांति निकेतन हिंदी विभाग की अध्यक्षा सह पुर्व प्राचार्या प्रो० मंजू रानी सिंह, ग्रामीण कलाकार बालमुकुंद महंथ, रामकिंकर महंथ, शायर कवि विकास सोलंकी, रमेश भारद्वाज आदि लोगों ने तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।



तत्पश्चात मौजूद विश्व भारती शांति निकेतन हिंदी विभाग की पुर्व अध्यक्षा एवं प्राचार्य प्रो० मंजू रानी सिंह ने बताई कि कहने को वो सिर्फ हमारी सास थी, लेकिन मैं उसे माता जी कहकर पुकारा करती थी और हम दोनों के बीच मित्रवत व्यवहार पुरी जिंदगी गुजारी। वर्तमान में वो भले शारीरिक रूप से मेरे पास नहीं मौजूद हैं लेकिन फिर भी उनकी आत्मा, उनकी प्यार और यादें सदा मेरे साथ हैं और रहेंगी। साहित्यिक संगीतज्ञ डॉ अजय राय ने बताया कि मेरी माता जी सेवानिवृत्त होने के पश्चात वो हमेशा हमारे पास कोलकाता में हीं रहना पसंद करती थी और हमेशा शांति निकेतन में ही रहती थी और अपने जीवन के अंतिम समय तक शांतिनिकेतन में हीं रहीं थी। वहीं हमारी धर्मपत्नी और पुत्र आनंद वर्धन आदि परिवार के सभी सदस्यों को उनके सान्निध्य में रहकर बहुत कुछ उनसे सीखने जानने को उत्सुक रहते थे और मेरी माता जी हमेशा कुछ ना कुछ निर्देश देने को ललायित रहती थी। जिसका अभी ना रहना घोर कमी दर्शाती हैं और उनकी यादें हमेशा लक्ष्य की कामयाबी की ओर उत्साहित करती हैं।


वहीं इस श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत बालमुकुंद महंत के द्वारा भजन, निर्गुण एवं राम नाम के संकीर्तन से हुआ। फिर ग्रामीण कलाकार रामकिंकर सिंह ने भी अपने बेहतरीन भजनों की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। आनंद वर्धन ने भी अपनी दादी के यादों को श्रद्धांजलि के रूप में “मां सुनाओ मुझसे वो एक कहानी, जिसमें राजा ना हो ना हो रानी…..” सुनकर मौजूद दर्शकों के आंखें नम हो गई। अंत में डॉ अजय राय की साहित्यिक संगीतमय प्रस्तुति के बाद श्रद्धांजलि सभा का समापन हुआ। तबले वादक के रूप में मुकेश मिश्र, मृदुल मिश्र,बिक्की कुमार आदि ने अपनी उत्कृष्ट कला प्रस्तुत किया।
