राम राज्य का ढिंढोरा पीटने वाले केजरीवालजी क्या प्रभु श्रीरामजी अपने कर्मचारियों को ठेके पर शोषण करवाते थे।।गौरी शंकर शर्मा।।

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लोक समज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवालजी संघ भाजपा की तरह यह घोषणा करने लगे है कि वे भी राम राज्य लागू करना चाहते है। वे भी हनुमान भक्त हैं। आज वैग्यानिक जमाना है जहां पर हर बहुत सारे विकसित देश वैग्यानिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देते हैं।
राम राज्य एक वर्णवादी व्यस्था थी जिसमें राजा रानी के पेट से पैदा होता था।सिर्फ बड़े लोगो अर्थात क्षत्रिय व ब्राम्हण को ही पढ़ने का अधिकार था।जबकि बहुत बड़ी आबादी सूद्र को पढ़ने का अधिकार ही नही था।यहां पर भगवान की प्रासंगिकता पर प्रस्न उठने लगता है क्या भगवान भी जाति वादी थे?क्या वे चाहते थे कि बहुत बड़ी आबादी को न पढ़ने दिये जाय?
भाजपा व संघ की सोच यह है कि यहां के आम जनता को पढ़ने मत दिया जाय।जो जिसका पेशा है वही काम करें।जैसा राम राम राज्य व महाभारत काल में होता था।इसीलिये हिंदुओं का ठेकेदार मोहन भागवत जैसे लोग राम राज्य की बात हमेशा करके जनता को बरगलाने का काम करते हैं।
जो नई शिक्षा नीति 2020 लाई गयी है वह प्राइमरी ढांचे से लेकर इंटरमीडियट तक वही राम राज्य की अवधारणा पर लागू करने की है।भाजपा व संघ की सोच है पहले गरीब बच्चे से पढ़ाई छीनो।इसके लिये युपी बिहार मे शिक्षा मित्र चालू करके गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाई छीन लिये कहने को है हर गावों में स्कूल की व्यवस्था लागू कर दी गयी है।
अब नई शिक्षा नीति से प्राइमरी शिक्षा में अंग्रेजी नही पढ़ाया जायेगा।जब बच्चा छठीं मे जायेगा तब उसको अंग्रेजी कानून ग्यान कराया जायेगा, फिर उसी साल उन बच्चो को ब्यसायिक शिक्षा दी जायेगी यह 12वीं तक जारी रहेगा।जब शुरू से यानी छठी क्लास से बच्चे को बढईगीरी, लोहारगीरी, रंगाई पोताई, पंचर बनाना, मालीगीरी, राजगीरी, सिलाई आदि का काम सिखाया जायेगा तो उसका मन उसी दिशा में ढल जायेगा।वह कैसे वास्तविक पढाई कर पायेगा?अगर गिरते पड़ते कोई बच्चा 12वीं कर भी लिया तो हायर इजूकेसन इतना मंहगा कर दिये है कि उस परिवार का बच्चा पढ़ने के सोच ही नही सकता है।इस तरह से भाजपा व संघ लोग आम परिवार के बच्चो से पढ़ाई छीनने की तैयारी कर चुके है। अगर नई शिक्षा नीति सही है तो क्या सभी नौकर, जजेज एमपी एमएलए आदि लोग अपने परिवारों के बच्चे ब्यसायिक शिक्षा लेगे? इस प्रस्न का उत्तर भाजपा व संघ के भक्त लोग ही बताये तो बेहतर रहेगा।
दिल्ली मे नगर निगम पहले केंद्र सरकार के अंतर्गत था लेकिन स्व0 शीलाजी के समय से निगम दिल्ली सरकार के अंतर्गत है।दिल्ली नगर निगमो के अंतर्गत सफाई ब्यवस्था से स्कूल अस्पताल के साथ दिल्ली के स्कूल,अस्पताल,अन्य विभागों मे चौथी क्लास के अंतर्गत सभी नौकरियां ठेके पर कर दी गयी हैं।हर जगह केजरीवाली अपने अपने नचदीकियों को ही ठेका दिये है हर ठेकेदार 100-200 लोगों को ठेके पर रखे है वह ठेकेदार अपने अपने विभाग से 25-30 हजार रूपये लेता है फिर ठेके पर काम करने वालों को सिर्फ 10-15 हजार ही मिलता है।क्या केजरीवाल को नही पता है कि दिल्ली व एमसीडी मे इस प्रकार का शोषण जारी है? बाकी रकम किसके पास जाता है? यह केजरीवालजी ही बताये व उनके कार्यकरता बतायें।
यही नही यहां हर विभाग के लोगों 5-6 महीनो से वेतन नही दिये जाते है।दिल्ली विश्वविद्यालय के टीचर लेक्चरर आदि सभी ठेके पर रखे गये है उनको भी 4-5 महीनो की वेतन नही मिलता है वे लोग भी हड़ताल करने को मजबूर होते है जबकि दिल्ली सचिवालय से एक किलोमीटर की दूरी सुप्रीम कोर्ट व तीन किलोमीटर की दूरी पर हाई कोर्ट भी है। भाजपा व कांग्रेस की तरह केजरीवाल भी चाहते है कि चौथी से तीसरी क्लास के साथ टीचर डाक्टर इंजीनियर आदि सभी लोग ठेके पर काम करें। इन लोगों का इरादा यही है कि अगर इन पदों को नियमित कर दिया जायेगा तो मंडल कमीसन के अंतर्गत दलित ओबीसी के लोगों को पक्की नौकरी लग जायेगी जिससे इनकी आर्थिक दशा सुधारने लगेगी।इस व्यवस्था को लागू करके सवर्णो पर अन्याय कर रहे है ।अगर नियमित नौकरियां होगी तो 50% सवर्णो को नौकरयां नियमित होगीं जिससे 50% सवर्णों के आर्थिक दशा में सुधार होगा।लेकिन ऐसी ठेकेदारी व्यवस्था लागू करके दलित ओबीसी व सवर्ण सभी लोगों का शोषण करवा रहे हैं।
यह सरकार का काम नही है कि वे लोगों को तीर्थ व्रत करवाये।अभी केजरीवालजी ने घोषणा किये कि वे दिल्ली के लोगों को श्रीराम का दर्शन मुफ्त मे करवायेगें।यह एक प्रकार का केजरीवालजी अपनी नाकामियों को छिपाने का प्रोपेगंडा कर रहे हैं। क्या कोई दिल्ली की विधायक, पार्षद नौकरशाह भी हड़ताल पर गये है कि उनको 5-6 महीने से वेतन नही मिल रहा है?
कुल मिलाकर केजरीवालजी भी भाजपा कांग्रेस की ह
बी टीम हैं वे भी देश मे गुलाम व सामंतवादी व्यवस्था के समर्थक है।वे नही चाहते है कि दिल्ली संविधान के तहत चले। अत: अगर आप लोगों को हर संभव बराबरी चाहिये तो संविधान को प्राथमिकता देने के लिये लोक समाज पार्टी ही एक मात्र विकल्प है नही तो गुलामी का रास्ता मंजूर है तो भाजपा कांग्रेस के साथ केजरीवाल मुबारक हो।

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