हिन्दी पत्रकारिता, साहित्य और रंगमंच की त्रिवेणी हैं कुमार धनंजय सुमन

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भागलपुर | भागलपुर जिले के सोनवर्षा गांव निवासी कुमार धनंजय सुमन पत्रकारिता , साहित्य और रंगमंच के क्षेत्र में एक बहुआयामी व्यक्तित्व के रूप में चर्चित हैं। वर्तमान में वे प्रभात खबर से जुड़े हैं और अमरगाथा (बिहार संस्करण) के उपसंपादक हैं।


सुमन ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत 2005 में दैनिक जागरण से की। इसके बाद नई बात, खबरों की तह तक, आईएनएन, अमरगाथा, हिन्दुस्तान और केन्यूज जैसे संस्थानों से जुड़ते हुए उन्होंने 2023 में पुनः नई बात से अपनी सक्रियता को नई धार दी।


हिन्दी साहित्य में स्नातक सुमन एक संवेदनशील कवि और लेखक भी हैं। उनकी प्रमुख कृतियों में हाफलेट (उपन्यास), मैं और मेरा एकांत, कारण खुद से पूछ रहा है (कविता संग्रह), आधी ज़िंदगी (कहानी संग्रह), लाल दियरा (रिपोर्ताज), और महात्मा गांधी और मानवता (शोध ग्रंथ) शामिल हैं।


रंगमंच से उनका जुड़ाव 1996 में नुक्कड़ नाटक तमाशा से हुआ। उन्होंने टोबाटेक, अंधेर नगरी, विदेशिया, कबीर खड़ा बाजार में, कोर्ट मार्शल, गांधी जिंदा है और कृष्ण उवाच जैसे नाटकों में अभिनय व निर्देशन किया है।
सुमन कविता-कानन साहित्य कला मंच के संस्थापक-सह-अध्यक्ष भी हैं, जो नवोदित रचनाकारों और रंगकर्मियों को मंच प्रदान करता है। मंच द्वारा नियमित रूप से काव्य गोष्ठियाँ, साझा संग्रह, साक्षात्कार श्रृंखलाएँ और रंगमंचीय प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाती हैं।


उन्हें साहित्यश्री सम्मान (2022), बाबू अर्जुन सिंह सम्मान (2023), हिंदी श्री सम्मान, शिक्षक रत्न सम्मान (2023) और रंगकर्म रत्न जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया है। वर्तमान में वे भागलपुर में निवास करते हुए लेखन, पत्रकारिता और समाजसेवा में सक्रिय हैं।

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