बिहपुर रेलवे स्टेशन को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद अब तेज़ हो चली है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखते हुए बिहपुर विधायक इंजीनियर शैलेन्द्र द्वारा सौंपे गए 14 सूत्री मांग-पत्र को उनके संज्ञान में लाया है।
यह पत्र उस वक्त का है जब गिरिराज सिंह अपने बिहार दौरे के दौरान 12 जून को बिहपुर प्रखंड के मड़वा गांव में पहुंचे थे। वहीं पर विधायक शैलेन्द्र ने बिहपुर, खरीक और नारायणपुर रेलवे स्टेशनों के सर्वांगीण विकास से जुड़ी जनभावनाओं को मांगपत्र के माध्यम से उनके हाथों सौंपा था।
गिरिराज सिंह ने रेल मंत्री से अपील की है कि वे इस पत्र पर सहानुभूति और गंभीरता से विचार करते हुए आवश्यक कदम उठाएं। विधायक की प्रमुख मांग है कि पूर्व-मध्य रेलवे के सोनपुर मंडल में आने वाले बिहपुर रेलवे स्टेशन को “अमृत भारत योजना” में शामिल किया जाए ताकि यहां यात्री सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और स्टेशन के सौंदर्यीकरण में व्यापक सुधार हो सके।
गौरतलब है कि बिहपुर स्टेशन न केवल कोसी और अंग क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन का मुख्य केंद्र है, बल्कि यह सीमावर्ती झारखंड और उत्तर प्रदेश के हजारों यात्रियों के लिए भी एक अहम पड़ाव बन चुका है।
फिलहाल, स्टेशन की हालत जर्जर है—प्लेटफॉर्म छोटे, शेड अधूरे, पेयजल की व्यवस्था सीमित, और प्रतीक्षालय नाम मात्र के हैं। ऐसे में “अमृत भारत योजना” में शामिल होकर बिहपुर रेलवे स्टेशन को एक मॉडर्न, सुविधाजनक और यात्री-मित्र स्टेशन में बदला जा सकता है।
अब देखना यह होगा कि गिरिराज सिंह की यह पैरवी और विधायक शैलेन्द्र की जमीनी चिंता कब केंद्र सरकार के स्तर पर रंग लाती है और कब बिहपुर स्टेशन विकास की पटरी पर दौड़ता नजर आता है।
यात्रियों की उम्मीदें अब दिल्ली की ओर टिकी हैं!