सुल्तानगंज (भागलपुर)। सावन का महीना… शिवभक्ति की गूंज… और सुल्तानगंज की धरती पर उमड़ा आस्था का सैलाब। सावन के छठे दिन उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर बाबा अजगैबीनाथ धाम में ओड़िशा के कटक से आई श्रद्धालुओं की 250 सदस्यीय टोली ने भक्ति का ऐसा रंग बिखेरा कि पूरा वातावरण “बोल बम” के नारों से थर्रा उठा।

पीले वस्त्र और सिर पर लाल पारंपरिक साफा बांधे श्रद्धालु जब गंगाजल लेने पहुंचे, तो हर कण शिवमय हो गया। भक्ति गीतों की ताल पर झूमते, गाते इन श्रद्धालुओं ने जैसे भक्तिरस की गंगा बहा दी। जल भरने के बाद कांवड़ लेकर बाबा धाम बैद्यनाथ की ओर उनकी पदयात्रा शुरू हुई — उत्साह, ऊर्जा और अपार श्रद्धा के संग।
इस खास अवसर पर जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव एवं गोपालपुर विधानसभा प्रभारी अर्पणा कुमारी भी अपनी टोली “चाचा मंडली” के साथ अजगैबीनाथ धाम पहुंचीं। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और बाबा बैद्यनाथ एवं बाबा बासुकीनाथ के दर्शन हेतु गंगाजल उठाया।
अर्पणा कुमारी ने कहा—
“यह सिर्फ यात्रा नहीं, यह आत्मा की साधना है। यह समर्पण, अनुशासन और आध्यात्मिक एकता की मिसाल है। ओड़िशा की टोली ने जो भक्ति भाव दिखाया, वह वास्तव में अनुकरणीय है।”
ओड़िशा से आई टोली के एक सदस्य ने कहा—
“हम 1989-90 से हर वर्ष आ रहे हैं। यह परंपरा नहीं, हमारी पहचान बन गई है। हम भगवान जगन्नाथ की धरती से बाबा बैद्यनाथ की शरण में आते हैं, हर कदम पर ‘हर हर महादेव’ गूंजता है।”
पूरे सुल्तानगंज में सावन की आस्था और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। गंगा तट पर गूंजते भजन, कांवड़ियों की लयबद्ध चाल और शिवभक्ति का अलौकिक वातावरण— हर दृश्य श्रद्धा की गहराइयों में डूबा हुआ प्रतीत हुआ।
सावन की इस अमिट छाप ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया— जब भक्ति सच्ची हो, तो भगवान खुद आशीर्वाद देने उतर आते हैं।
हर हर महादेव! 🙏