परबत्ता प्रखंड के माधवपुर पंचायत के विष्णुपुर गांव में शनिवार की सुबह गंगा की उपधारा से एक अनोखी और प्रेरणादायक घटना सामने आई। मछुआरा बृजेश कुमार सहनी जब रोज़ की तरह मछली पकड़ने के लिए जाल निकालने पहुंचे, तो उसमें मछली नहीं, बल्कि गंगा का नन्हा प्रहरी — घड़ियाल का बच्चा फंसा हुआ था!

खास बात ये रही कि बृजेश ने लालच नहीं, बल्कि समझदारी दिखाई। उन्होंने उस छोटे से घड़ियाल को सुरक्षित तरीके से जाल से बाहर निकाला और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में टीम पहुंची और उस बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया।
गांव के लोगों ने बृजेश की जमकर सराहना की — किसी ने कहा “गंगा मैया की सच्ची सेवा यही है”, तो किसी ने “प्रकृति का रक्षक” कहकर उनकी तारीफ की।
वन विभाग ने भी मछुआरे की जागरूकता को पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बताते हुए कहा कि अगर हर नागरिक ऐसी जिम्मेदारी निभाए, तो गंगा की जैव विविधता और विलुप्तप्राय प्रजातियाँ फिर से जीवन पा सकती हैं।
यह घटना सिर्फ एक समाचार नहीं, एक संदेश है —
अगर इंसान और प्रकृति साथ चलें, तो गंगा की गोद में फिर लौट आएगा जीवन!