लोजपा में टिकट की औपचारिक घोषणा बस बाकी — क्षेत्र में बढ़ी हलचल
श्रवण आकाश, खगड़िया. खगड़िया जिले की चर्चित अलौली विधानसभा (148) सीट पर अब सियासी तापमान तेजी से चढ़ने लगा है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के शीर्ष नेतृत्व की नजरें अब पूरी तरह गौतम पासवान पर टिकी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान के सबसे भरोसेमंद सिपाही माने जाने वाले गौतम पासवान को अलौली से टिकट देने की लगभग पूरी तैयारी हो चुकी है — बस औपचारिक मुहर लगना बाकी है।

गौरतलब है कि पार्टी और परिवार में जब मतभेदों की आँधी चली, तब भी गौतम पासवान चिराग के साथ दीवार बनकर खड़े रहे। 28 जून 2021 को उन्होंने सबसे पहले सार्वजनिक रूप से चिराग के समर्थन में खुलकर बयान दिया था, जब कई वरिष्ठ नेता किनारा कर चुके थे। उस दिन से लेकर आज तक वे हर मोर्चे पर सक्रिय हैं — चाहे संगठन की मीटिंग हो या जनसंपर्क अभियान, हर जगह गौतम की उपस्थिति ने उन्हें लोजपा (आर) का भरोसेमंद चेहरा बना दिया है।
संघर्ष और समर्पण से भरा राजनीतिक सफर
गौतम पासवान की राजनीति का आधार न तो विरासत है और न अवसरवाद — बल्कि संघर्ष और संगठन के प्रति निष्ठा है। उन्होंने कठिन समय में भी पार्टी का झंडा ऊँचा रखा और कार्यकर्ताओं को जोड़े रखा। आज खगड़िया सहित पूरे इलाके में दलित, महादलित और वंचित समाज में उनकी मजबूत पकड़ है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि भी कम दिलचस्प नहीं — उनके बड़े मामा डॉ. विद्यानंद दास ने वर्ष 2000 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पशुपति पारस जैसे दिग्गज को कड़ी टक्कर दी थी। परिवार की यह विरासत और खुद की मेहनत — दोनों ने मिलकर गौतम को क्षेत्र की राजनीति में एक उभरता हुआ नाम बना दिया है।
लोजपा की अंदरूनी बैठकों में भी अब लगभग सर्वसम्मति बन चुकी है। यदि टिकट की घोषणा होती है, तो अलौली का मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा — क्योंकि गौतम पासवान न सिर्फ संगठनात्मक रूप से मजबूत हैं, बल्कि जनता से उनका सीधा भावनात्मक जुड़ाव भी उन्हें बाकी दावेदारों से अलग पहचान देता है।
अलौली की सियासत में अब नया समीकरण बनना तय है — और इस बार कहानी के केंद्र में हैं, गौतम पासवान!