श्रवण आकाश, खगड़िया. खगड़िया जिले में चल रही बाढ़–नियंत्रण, जल प्रबंधन और प्रमुख अवसंरचनात्मक परियोजनाओं की प्रगति का आकलन करने के उद्देश्य से जिला पदाधिकारी श्री नवीन कुमार एवं उप विकास आयुक्त श्री अभिषेक पलासिया को व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया। यह निरीक्षण सोनमंखी, सूरज नगर, माधवपुर–परबत्ता, गोगरी बाइपास तथा अगुआनी–सुल्तानगंज पुल एप्रोच मार्ग तक जारी रहा। अधिकारियों ने सभी स्थलों पर पहुंचकर स्थितियों की बारीकी से समीक्षा की और कार्यों में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दिए।निरीक्षण की शुरुआत सोनमंखी से हुई, जहां स्लुइस गेट के पास जल-जमाव की गंभीर स्थिति सामने आई। जिला पदाधिकारी ने स्थल पर मौजूद अभियंताओं को निर्देश दिया कि जहाँ भी तलछट जमा है, उसकी तत्काल JCB के माध्यम से सफाई कराई जाए, ताकि जल प्रवाह में किसी प्रकार की बाधा न रहे। उन्होंने इटवा स्लुइस गेट के समीप नदी के मूल प्रवाह के अवरुद्ध होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। इस संबंध में राजस्व पदाधिकारी (RO) एवं अंचलाधिकारी (CO), खगड़िया को निर्देश दिया गया कि नदी के मूल मार्ग के पुनरुद्धार के लिए तुरंत आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए और रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी जाए।

स्लुइस गेट निर्माण के लिए तकनीकी टीम गठित
माधवपुर–परबत्ता और सूरज नगर स्थित स्लुइस गेट निर्माण कार्यों की प्रगति समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कार्य में देरी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।माधवपुर–परबत्ता स्लुइस गेट के विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को शीघ्र तैयार करने हेतु पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई पदाधिकारी एवं फ्लड कंट्रोल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता की संयुक्त तकनीकी टीम गठित कर दी गई है। टीम को समयबद्ध तरीके से प्रस्ताव तैयार कर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद अधिकारियों का काफिला गोगरी बाइपास पहुंचा, जहां सड़क की मौजूदा स्थिति का निरीक्षण किया गया। जिला पदाधिकारी ने कहा कि बाइपास क्षेत्र में सड़क की गुणवत्ता सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएँ। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि बरसात से पूर्व सभी आवश्यक मरम्मत एवं मजबूतीकरण कार्य पूरे कर लिए जाएं।

निरीक्षण के अंतिम चरण में जिला पदाधिकारी ने अगुआनी–सुल्तानगंज पुल के खगड़िया जिला अंतर्गत निर्माणाधीन एप्रोच मार्ग की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह पुल जिले के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और वर्ष 2027 तक इसे जिलेवासियों को समर्पित करने का लक्ष्य तय किया गया है। जिला पदाधिकारी ने बताया कि इंजीनियरों को कैंप मोड में कार्य करने का निर्देश दिया गया है तथा परियोजना में और तेजी लाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि कार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। जनहित के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता
निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी ने कहा कि बाढ़–नियंत्रण और अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाएँ सीधे जनता के हित से संबंधित हैं। इसलिए सभी विभागों को परस्पर समन्वय के साथ समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी तरीके से कार्य संपन्न करना होगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

