नवगछिया। नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र की मुख्य व सबसे बड़ा बाजार मधुरापुर सहित नवगछिया अनुमंडल के हर चौक चौड़ाहों पर इन दिनों बन रहे रंग-बिरंगे तिलकुट की सौंधी खुश्बू से बाजार गुलजार हो रहा है। मकर संक्रांति के दिन अब कुछ दिन ही शेष बचे है। मकर संक्राति की तैयारी को लेकर बाजारों में हर तरफ रंग-बिरंगे तिलकुट, चुरा, लाय, की दुकानें सज चुकी है। इसको लेकर स्थानीय दुकानदार और बाहर के कारीगर तरह-तरह तिलकुट कुटाई करने में जोरशोर से लगे हैं। ठंड की दस्तक और जनवरी शुरू होते ही तिलकुट की ख़रीददारी भी शुरू हो जाती है। नारायणपुर, मधुरापुर बाजार के माखन भोग स्वीट्स होटल के कुलदीप साह का कहना है कि बाजार में हर प्रकार के तिलकुट मिल रहे हैं, लेकिन लोगों की अधिक पसंद खोया तिलकुट बना है। ग्रामीण इलाके में गुड़ और तिल से बने तिलकुट की भी काफी डिमांड रहती है। जो 260-300 रुपये किलो बजार में बिकते हैं। चीनी-तील से बने तिलकुट 120-200 रुपये किलो मिल रहे हैं। सफेद तिल लड्डू 230-290, काला तिल लड्डू 220-250 रुपये किलो मिल रहे हैं। बजरंग स्वीट्स के चंदन कुमार ने बताया कि ग्राहको की फरमाइश पर खोआ और तिल से बने तिलकुट भी बनाए जाते हैं। जो करीब 360 से 400 रुपये प्रति किलो बिकते हैं। वही बाजार के प्रशिद्ध होटल मनाली स्वीट्स के मदन कुमार की मिठाई दुकानों पर बाहर के कारीगर तिलकुट बनाने आते हैं, यहां अधिकाधिक मात्रा में मनाली स्वीट्स के सबसे अधिक बिक्री होते है। खरीददार सोनू कुमार पोद्दार ने बताया कि ठंड में तिलकुट खाना सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसलिए वे स्वाद व सेहत का ख्याल रखते हुए खरीदारी कर रहे हैं। खोया तिलकुट कुछ महंगा है, लेकिन सबसे खास है। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार दाम में वृद्धि जरूर हुई है। मगर, अन्य मिठाई की अपेक्षा तिलकुट सस्ता होने से लोगों की पसंद बना है।
तिलकुट की खुशबू से महकने लगा नारायणपुर का मधुरापुर बाजार ।। Inquilabindia
