डॉ. संजीव कुमार सिंह के प्रयासों से परबत्तावासियों का सपना साकार होने की ओर
खगड़िया से रेशु रंजन की रिपोर्ट
परबत्ता विधानसभा क्षेत्र सहित बिहार के लाखों लोगों को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा पुल के पुनर्निर्माण कार्य का आज विधिवत शुभारंभ हो गया। लंबे समय से अटके इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर क्षेत्र में उत्साह और खुशी का माहौल है। यह परियोजना डॉ. संजीव कुमार सिंह के अथक प्रयासों और जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

पिता की परिकल्पना, पुत्र की प्रतिबद्धता
यह पुल बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं डॉ. संजीव के पूज्य पिताजी, स्वर्गीय आर.एन. सिंह की दूरदृष्टि का परिणाम था। डॉ. संजीव ने इसे जनभावनाओं से जोड़ते हुए बार-बार विधानसभा में उठाया और इसके पुनर्निर्माण के लिए सरकार को बाध्य किया।

18 महीनों में पूर्ण होगा निर्माण कार्य
माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश (दिनांक 14.09.2023) के अनुपालन में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने पुल के क्षतिग्रस्त अंश में Composite Steel Beam with Concrete Deck Cable-Stay तकनीक से पुनर्निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। संवेदक द्वारा प्रस्तुत डिजाइन की थर्ड पार्टी ऑडिट IIT रुड़की से कराई जा रही है।
पहुँच पथ का कार्य पहले चरण में
पहले चरण में पुल से जुड़ी सड़कों (पहुँच पथ) का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है ताकि यातायात का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके।
उच्च तकनीक और विशेषज्ञ निगरानी
- Composite Beam (Girder) का निर्माण RDSO से अनुमोदित वर्कशॉप में तय मानकों के अनुसार किया जा रहा है।
- IIT रुड़की के परामर्श से नींव (Well Foundation) में तकनीकी सुधार किए जा रहे हैं।
- एक मजबूत Project Implementation Unit (PIU) का गठन किया गया है जिसमें अनुभवी स्ट्रक्चरल इंजीनियर नियुक्त हैं।
- इसके अलावा, देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों की स्वतंत्र टीम भी समय-समय पर स्थल का निरीक्षण कर मार्गदर्शन देगी।
कड़ाई से होगी समीक्षा और निगरानी
- पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष मासिक समीक्षा करेंगे।
- प्रबंध निदेशक पाक्षिक स्थल निरीक्षण करेंगे।
- पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख भी मासिक निरीक्षण एवं समीक्षा करेंगे ताकि कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित हो।
स्थल पर मौजूद रहे उच्च अधिकारी
शुभारंभ के अवसर पर पुल निर्माण निगम के एमडी, मुख्य अभियंता, कार्यकारी अभियंता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और योजना की प्रगति की समीक्षा की।
यह पुल अब सिर्फ लोहे और सीमेंट का ढांचा नहीं, बल्कि परबत्ता की उम्मीदों का पुल बन चुका है।
डॉ. संजीव कुमार सिंह का यह योगदान क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साबित होगा। आने वाले 18 महीनों में जब यह पुल जनता के लिए खुलेगा, तो यह जनप्रतिनिधि और जनता के बीच भरोसे की एक अटूट डोर को और मजबूत करेगा।