नवगछिया थाना क्षेत्र के आदर्श मध्य विद्यालय धरहरा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि विद्यालय के एक शिक्षक ने सातवीं कक्षा की छात्रा को सहपाठी से बातचीत करने पर पहले 100 बार और माफी मांगने पर सजा बढ़ाकर 150 बार उठक-बैठक करने को कहा। अत्यधिक शारीरिक दंड सहन न कर पाने पर बच्ची बीच में ही बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बेहोश होने के बावजूद विद्यालय प्रबंधन छात्रा को अस्पताल नहीं ले गया और hastily उसे घर भेज दिया। घर पहुंचने पर परिजनों को पता चला कि बच्ची बोल तक नहीं पा रही है। पहले स्थानीय स्तर पर इलाज कराया गया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर परिजन उसे अनुमंडल अस्पताल ले गए।
डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि बच्ची बेहद कमजोर थी और अत्यधिक शारीरिक दंड की वजह से उसके शरीर में तेज दर्द, थकावट और अस्थायी रूप से आवाज बंद होने जैसी समस्या उत्पन्न हुई। स्थिति गंभीर होने पर उसे जेएलएनएमसीएच, भागलपुर रेफर कर दिया गया।
घटना की जानकारी फैलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने स्कूल पहुंचकर हंगामा किया। इस बीच, स्कूल के प्रधानाध्यापक उमेश सिंह ने कहा कि घटना के समय वे छुट्टी पर थे। परिजनों ने उन्हें पूरी जानकारी दी है और स्कूल लौटने पर वे पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का प्रस्ताव भेजेंगे।
यह घटना विद्यालयों में अनुशासन के नाम पर दिए जा रहे अत्यधिक शारीरिक दंड पर फिर से गंभीर सवाल खड़े करती है।
