- चीन विदेश में अपना दूसरा नेवी बेस पाकिस्तान में बना रहा है। नेवी बेस पाक के ग्वादर पोर्ट के पास बनाया जाएगा।
- चीन के पाक में नेवी बेस बनाने का मकसद भारत पर दबदबा बनाना है। भारत, ईरान और अफगानिस्तान मिलकर चाबहार पोर्ट बना रहे हैं। इससे पहले चीन ने अफ्रीका के जिबूती में नेवी बेस बनाया था।
- साथ ही 46 अरब डॉलर का चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) ग्वादर को चीन के शिनजियांग को जोड़ेगा।
=>वॉरशिप के मेंटेनेंस के लिए चीन कर रहा ऐसा
- चीन को अपने जंगी जहाजों के लिए ग्वादर में एक अन्य बेस की जरूरत है, क्योंकि ग्वादर अभी तक एक सिविलियन पोर्ट है।
- “चूंकि मर्चेंट और वॉरशिप्स दोनों का अलग-अलग ऑपरेशन होता है, लिहाजा दोनों के लिए अलग-अलग फैसिलिटीज की जरूरत होती है। मर्चेंट शिप्स के लिए ज्यादा जगह वाला बड़ा बंदरगाह चाहिए, जिसमें वेयरहाउस और कंटेनर हों। लेकिन वॉरशिप के लिए मेंटेनेंस और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सर्विस की जरूरत होती है।”

=>भारत पर कैसे पड़ेगा असर?
- बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर मुंबई से पास है। ग्वादर के पास नेवी बेस बनाकर चीन अरब सागर में पैठ बनाना चाहता है।
- जीवानी चाबहार (ईरान) से बेहद कम दूरी पर है। बता दें कि भारत, ईरान और अफगानिस्तान मिलकर चाबहार पोर्ट बना रहे हैं, जो भारत-अफगानिस्तान के बीच एक ट्रेड कॉरिडोर की तरह काम करेगा।