भागलपुर – 15 जुलाई 2025 – स्थानीय प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर मासूम जिंदगियों पर भारी पड़ी। नारायणपुर प्रखंड के मधुरापुर गांव के दो नाबालिग बच्चों की गंगा में डूबने से हुई दर्दनाक मौत के मामले को लेकर मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता अजय रविदास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
अजय रविदास ने बताया कि यह हृदयविदारक घटना 14 जुलाई को दोपहर लगभग 12 बजे घटित हुई, जब निसार अली का 9 वर्षीय पुत्र दिलशाद और खुर्शीद आलम का 10 वर्षीय पुत्र नारायणपुर गंगा घाट पर नहाने के दौरान डूब गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, अवैध रूप से मिट्टी की कटाई से बने गहरे और खतरनाक गड्ढों के कारण यह हादसा हुआ। ग्रामीणों ने बच्चों को जीवित अवस्था में पानी से बाहर निकाला, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की अनुपस्थिति और इलाज में हुई देरी के चलते दोनों की जान नहीं बचाई जा सकी।
ज्ञापन के माध्यम से अजय रविदास ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. थाना प्रभारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अस्पताल प्रभारी पर लापरवाही का आरोप तय करते हुए तत्काल बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाए।
2. पीड़ित परिवारों को प्रत्येक को 10 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए।
3. अवैध मिट्टी खनन में संलिप्त भू-माफियाओं पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
4. नारायणपुर गंगा घाट के सौंदर्यीकरण और सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए स्थायी समाधान किया जाए।
उन्होंने प्रशासन से इस दुखद घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो आंदोलनात्मक रुख अपनाया जाएगा।