श्रवण आकाश,खगड़िया की कलम से
स्वास्थ्य विभाग के कर्मी द्वारा तीन महीने के मासुम बच्चे पर लापरवाही से हुई मौत के मामले पर जांच करने पहुंचे अधिकारी। आपको ज्ञात हों कि बीते 19 नवंबर को खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत डुमरिया खुर्द गांव में स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ए.एन.एम ललिता देवी द्वारा गलत सुई देने से हुई मौत का मामला प्रकाश में आया था। जहां मृत शिशु शिशु की पहचान परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के डुमरिया खुर्द गांव के सोनू कुमार के 3 महीने का पुत्र सचिन कुमार के रूप में हुई थी। इस घटनाक्रम को लेकर परिजनों का रो-रो कर बूरा हाल हैं। वहीं इस मामले पर मृतक सचिन कुमार के पिता सोनू कुमार ने बीते 22 नवंबर, मंगलवार को सीएचसी परबत्ता प्रभारी के दफ्तर में उपर्युक्त मामले पर लिखित शिकायत देकर मामले की जांच कर आरोपी के ऊपर उचित कार्रवाई और मुआवजे की मांग किया था।

वहीं शिकायत पत्र अनुसार कबेला पंचायत के डुमरिया खुर्द गांव निवासी कौशल किशोर राय के पुत्र सोनू कुमार ने आवेदन के जरिए बताया कि मेरे पुत्र सचिन कुमार का जन्म सीएचसी परबत्ता में बिते 21 अगस्त को हुआ था। जन्म के बाद से अब तक बच्चा ठीक-ठाक हीं था। जबकि वहीं बीते 18 नवंबर को आशा शांति देवी के द्वारा फोन किया गया कि सेंटर पर लेकर आएं आपके बच्चे को सुई पड़ेगा। जिसके बाद मेरी पत्नी पुजा देवी अपने बच्चे के साथ सेंटर पर गया। जहां मौजूद ए एन एम ललिता कुमारी द्वारा सुई देने की बातें पर मैंने और मेरी पत्नी द्वारा कहा गया कि मेरे बच्चे को सर्दी – बुखार हैं। अभी सूई मत दीजिए, जिसके जबाव में उन्होंने कहा कि आप अपना कानून मत बताइए इसको सुई देने दीजिए, कुछ भी नहीं होगा। मेरे और मेरी पत्नी पुजा देवी द्वारा लाख मना करने पर भी वह नहीं मानी और आखिरकार सुई दे हीं दी। सुई देने के बाद बच्चे की स्वास्थ्य बिगड़ने लगी और जब 19 नवंबर को मैं अपने बच्चे सचिन कुमार को लेकर सीएचसी परबत्ता पहुँचा। तो वहीं मौजूद चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। मुझे आशंका हैं कि नर्स द्वारा गलत हुई देने के बाद मेरे बच्चे की मौत हुई हैं।

वहीं इस मामले की शिकायत मिलते हीं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों जैसे जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी देवनंदन पासवान, युनिसैफ के एस एम सी एजाज, चिकित्सा प्रभारी डॉ हरिनंदन शर्मा समेत अन्य अधिकारियों द्वारा बुधवार दोपहर मृतक शिशु सचिन कुमार के परिजनों से मामले पर विस्तृत जानकारियां लिए और उचित कार्रवाई सह मुआवजा की आश्वासन दिए। इसके पश्चात आरोपी ए एन एम ललिता देवी से भी मामले पर पुछताछ किया। जिसमें उन्होंने अपने स्तर से इस मामले को बेबुनियाद बताया। वहीं इस मामले पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी देवनंदन पासवान ने बताया कि नियमानुसार बच्चे को जन्म की ठीक समय पर ही टीकाकरण खुराक दिया गया और उक्त तिथि को बच्चे को पेंटाभालेंट रोटा वायरस और पेंटा वैक्सीन दिया गया था। इतना ही नहीं जबकि बुखार के मद्देनजर भी दबा दी गई थीं। एन एम के अनुसार उन्होंने कोई गलत दवा नहीं दी हैं। बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद बच्चे के स्वजन चिकित्सकों के पास जाने से पुर्व एक मंदिर में भी ले गए थे, वहीं अंतिम स्थिति में आ गए थे और अंततः सीएचसी परबत्ता पहुंचने से पहले मौत हो गई थी। वहीं सीएचसी परबत्ता के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ हरिनंदन शर्मा ने कहा कि मुझे इस मामले पर मृतक सचिन कुमार के परिजनों द्वारा मंगलवार को लिखित आवेदन देकर ए एन एम ललिता देवी के ऊपर शिकायत मिली थी। जिसे स्विकृत कर जिला प्रतिवेक्षण कार्यालय में भेज दिया था। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा हीं बुधवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी देवनंदन पासवान, युनिसैफ के एस.एम.सी एजाज और मेरे द्वारा दोनों पक्षों के पास पहुंच पुछताछ किया। जिसके बाद जांच व पुरी मामले की प्रति राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी। इसके अद्यतन विभाग द्वारा जैसी आदेश मिलेगी वैसे ही स्वास्थ्य विभाग खगड़िया और मैं करूंगा।