कविता कानन
शॉपिजन एप साहित्यकारों को दे रहा विशेष पहचान
साहित्यकारों के लिए बड़ी समस्या होती है पुस्तकों का प्रकाशन एवं पुस्तकों को बेचना । एक वह भी समय था जब साहित्यकार हज़ारों की लागत से अपनी पुस्तकें छपवाते थे फिर उसे घुम-घुम कर बस ट्रेन में बेचा करते थे । आज भी कई रचनाकार पुस्तकें हज़ारों की लागत से छपवा तो लेते है पर … Read more
तीन प्रश्न –
(1) ऐसे ही विजयादशमी हम हर साल मनाते जाएँगे दशानन का पुतला भी हम हर साल जलाते जाएँगे आखिर और जलाएँगे कब तक ऐसे ही रावण को रामलीला खेलेंगे पर क्या हम राम चरित्र जी पाएँगे । (2) पूछ रहा है रावण कुल मुझे जलाने वाले होते कौन क्या तुम राम चरित्र जी रहे या … Read more
माँ मुझको धनुष दिला दो
================== माँ मुझको धनुष दिला दो, मैं राघव बन जाऊंगा ! मानस की शपथ दिला दो मैं राघव बन जाऊंगा !…माँ सीता को वनवास मिलेगा, पर्वत जंगल प्रवास मिलेगा, वैदेही समय विलाप करेगा, अन्याय फिर प्रलाप करेगा, तीर तरकश में सजा दो मैं राघवेंद्र बन जाऊंगा !..माँ आसक्त रावण जिंदा है , मानवता अभी शर्मिंदा … Read more
सुंदर बहू
विधा – कहानी शीर्षक – सुंदर बहू ______________ “आइए-आइए अंकल आंटी….नमस्ते! आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?” – आलोक ने चरणस्पर्श करते हुए पूछा। “नहीं…. तुमने इतने अच्छे से रास्ता समझा दिया था कि हम बिना किसी परेशानी के पहुँच गए।” – उत्साहित अनीता बीच में ही बोल पड़ी। सभी मुस्कुरा दिए और इसी … Read more
आंखों से क्या सौदा करना?
जिन्दों की किमत़ पहचानो, लाशों से क्या सौदा करना ? होठों पे हल्की सी खुशी है, नयनों में छुपके मोती है, इन अस्कों को बह जाने दो, आंखों से क्या सौदा करना? हाथों में चूड़ी खनकी थी, धड़कन ये धक से धड़की थी, दिल के तडपन को दब जानें दो , सांसों से क्या सौदा … Read more
हर जुल्मी एक रावण है
#विषय:-भौतिक रावण जलता है मानसिक रावण नहीं #विधा:-काव्य #शीर्षक:-हर जुल्मी एक रावण है *********** रावण कोई और नहीं, हर जुल्मी एक रावण है। चाहे जो भी भेष बना ले, बुराई उसका पहचान है। एक रावण का पुतला जलता, सैंकड़ो रावण पैदा हो जाता है। जिधर देखो उसी तरफ वह, आज अपना आतंक फैलाता है। शोषक-जुल्मी … Read more
॥ सत्य की विजय ॥
रचना ॥ उदय किशोर साह मो० पो० जयपुर जिला बॉका बिहार जब जब हुई धर्म की हानि प्रभु ने किया संहार अभिमानी असत्य हर युग में सत्य से हारा सत्य का रौशन जग में है सितारा रावण ने सीता को हरण कर लाया हनुमान ने था तब पता लगाया लंका दहन का विभत्स दिखलाया … Read more
विद्यार्थी.
————————— इतिहास का साक्ष्य हूँ भूत भविष्य वर्तमान का अमिट हस्ताक्षर हूँ गतिज ऊर्जा शोधार्थी मैं एक विद्यार्थी हूँ. अतीत जन्मा वर्तमान प्रेम करूणा सज्जित शांति का ध्वजवाहक वंशज स्वतंत्रता सेनानी मैं एक युद्धाक़ांक्षी हूँ. अन्याय जनित पीड़ा से संचारित भय के विरुद्ध मुखरित सज्ज आवाज हूँ युद्ध की आहुति की समिधा कि वह बलिदान … Read more
विजयदशमी और नीलकंठ
हमारे बाबा महाबीर प्रसाद हमें अपने साथ ले जाकर विजय दशमी पर हमें बताया करते थे नीलकंठ पक्षी के दर्शन भी कराते थे, समुद्र मंथन से निकले विष का पान भोले शंकर ने किया था इसीलिए कंठ उनका नीला पड़ गया था तब से वे नीलकंठ भी कहलाने लगे। शायद तभी से विजयदशमी पर नीलकंठ … Read more