जीवन के सब रंग हैं, सुख दुख योग वियोग।
हानि लाभ जीवन मरण, कर सबका उपभोग।।
सुख में तू मत फूलना, दुख में नहीं अधीर।
दोनों में जो सम रहे, वही कहाते वीर।।
विविध वर्ण के फूल से, शोभित होता बाग।
सप्त स्वरों के मेल से, बनता सुंदर राग।।
उदय अस्त दोनों समय, सूरज दिखता लाल।
सुख दुख चाहे जो मिले, खुश रहना हर हाल।।
प्यारेलाल साहू