बिहपुर – गुरुवार को एनडीए कार्यालय, बिहपुर में एक खास आयोजन हुआ, जहां बिहपुर विधानसभा के सैकड़ों गांवों से आई महिलाओं ने भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र के साथ सीधा संवाद किया। यह सिर्फ एक बैठक नहीं थी, बल्कि महिला सशक्तिकरण के नए दौर की दस्तक थी, जहां घर की चौखट लांघकर महिलाएं खुद अपनी आवाज़ बनकर सामने आईं।
विधायक शैलेंद्र ने कहा, “अब वो ज़माना नहीं रहा जब बेटा ही घर चलाता था, आज बेटियां भी हर मोर्चे पर बेटों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।” उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपनी बेटियों को न सिर्फ पढ़ाएं, बल्कि *उनके सपनों को उड़ान देने में भी पीछे न हटें। बेटी को यह कभी महसूस न होने दें कि काश वो बेटा होती।”
इस मौके पर नारायणपुर, बिहपुर और खरीक प्रखंड की बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं, जिन्होंने उज्ज्वला गैस योजना, हर घर शौचालय, जीविका, और महिला सुरक्षा कार्यक्रमों को ऐतिहासिक और युगांतरकारी बताया।
एक महिला ने कहा, “पहले शाम होते ही गांव की गलियों में डर का सन्नाटा होता था, आज हम बेखौफ होकर कहीं भी आ-जा सकती हैं।” यह बदलाव महिलाओं के आत्मबल, सरकार की नीति और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता का प्रमाण है।
विधायक ने “बेटा-बेटी एक समान” का नारा दोहराते हुए महिला शिक्षा और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देने की बात कही।
मंच पर मौजूद रहे: प्रो. गौतम, रूपेश रूप, दिलीप महतो, ब्रजेश चौधरी, अजय उर्फ माटो, सिंटू, सौरभ, लालमोहन, सदानंद सहित कई समाजसेवी और कार्यकर्ता।
बिहपुर का यह आयोजन न सिर्फ एक संवाद था, बल्कि यह संकेत था कि गांव की महिलाएं अब सिर्फ सुनने वाली नहीं, बल्कि बोलने और बदलाव लाने वाली शक्ति बन चुकी हैं।
“जब नारी उठेगी, तब नयी कहानी लिखी जाएगी!” 🌸💪