सहरसा (बिहरा)। बिहरा थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या-6 में शुक्रवार की रात एक सनसनीखेज वारदात में 85 वर्षीय वृद्ध दंपती पर जानलेवा हमला कर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया। पीड़ित धीरेन्द्र नारायण शर्मा, जो अपने बीमार पत्नी के साथ गांव में रहते हैं, ने थाने में दिए आवेदन में घटना की भयावह तस्वीर पेश की है।

धीरेन्द्र नारायण शर्मा के अनुसार, दिनांक 13 जून की रात लगभग 9:30 बजे जब वह और उनकी पत्नी विमला देवी भोजन कर विश्राम कर रहे थे, तभी उनका भतीजा अविनाश कुमार उर्फ़ राजू, अपने नौकर शंकर और 7-8 अन्य अज्ञात लोगों के साथ घर में जबरन घुस आया। उन्होंने वृद्ध दंपती को गालियां दीं और जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। पीड़ित ने बताया कि भतीजे ने कहा— “तुम दोनों मर जाओगे तो ये जमीन-जायदाद मेरी हो जाएगी!”

जब धीरेन्द्र बाबू ने शोर मचाया, तो हमलावरों ने उनके सिर पर लाठी से वार किया, जो उनके बाएं कंधे पर लगा। एक अन्य वार में उनके बाएं कान का निचला हिस्सा फट गया। वृद्ध शरीर इस हमले को सह नहीं पाया और वे ज़मीन पर गिर पड़े। वहीं उनकी पत्नी, जो हृदय रोगी हैं और जिनके शरीर में पेसमेकर व स्टील लगा है, उन्हें भी जानबूझकर जोर से धक्का दिया गया।
वारदात को अंजाम देकर हमलावरों ने घर से दो ब्रीफ़केस उठा लिए। एक में ₹14,000 नकद, कृषि से संबंधित कागजात और कपड़े थे, जबकि दूसरे में ₹4,000, कपड़े और कुछ गहने रखे थे। शोर सुनकर आसपास के लोग जुटने लगे, तब हमलावर धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही धीरेन्द्र बाबू ने सहरसा निवासी अपने भतीजे नितिन शेखर को फोन किया। नितिन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायल वृद्ध दंपती को इलाज के लिए सदर अस्पताल सहरसा में भर्ती कराया, जहां तीन दिनों तक इलाज के बाद 16 जून को उन्हें छुट्टी मिली।
पीड़ित ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि यह हमला संपत्ति हड़पने की साज़िश थी और हमलावरों का मकसद हत्या और लूट था। उन्होंने बिहरा थाना अध्यक्ष से नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है और साथ ही अपने जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है।
पूरा मामला एक वृद्ध किसान परिवार की असहायता और संपत्ति विवाद में बदलते पारिवारिक रिश्तों की मार्मिक कहानी बयान करता है। पुलिस से अपेक्षा है कि ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए।

