बिहार पंचायती राज व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने 2026 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए पहली बार मल्टी-पोस्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। इस नई तकनीक के साथ मतदाता एक ही ईवीएम पर छह अलग-अलग पदों के लिए वोट डाल सकेंगे। खास बात यह कि इस बार NOTA का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
सूत्रों के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग ने हैदराबाद स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) को 32,000 से अधिक मल्टी-पोस्ट ईवीएम, पावर पैक, टोटलाइजर मशीन और डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल की आपूर्ति का ऑर्डर दिया है। ये मशीनें पहले इस्तेमाल होने वाले M-3 मॉडल की जगह लेंगी।
प्रत्येक ईवीएम में एक कंट्रोल यूनिट और छह बैलेट यूनिट होंगी। इनके जरिए मतदाता वार्ड सदस्य, मुखिया, पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य—इन छह प्रमुख पदों पर एक साथ मतदान कर सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने बताया कि जरूरत पड़ने पर ये मशीनें आठ पदों तक के लिए भी मतदान कराने में सक्षम होंगी। किसी पद पर उम्मीदवारों की संख्या 15 से अधिक होने पर दो बैलेट यूनिट लगाई जाएंगी।
चुनाव संचालन के लिए राज्य सरकार ने आयोग को 208 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। चुनाव नवंबर-दिसंबर 2026 के बीच कराए जाने प्रस्तावित हैं। परंपरागत रूप से बिहार में पंचायत चुनाव 10 चरणों में होते हैं, ऐसे में मल्टी-पोस्ट ईवीएम की शुरुआत से मतदान और मतगणना—दोनों प्रक्रियाएं अधिक सुगम और तेज होने की उम्मीद की जा रही है।
बिहार के पंचायत चुनाव में तकनीकी सुधार की यह पहल ऐतिहासिक साबित हो सकती है।
बिहार में पहली बार एक ही ईवीएम से छह पदों पर चुनाव, NOTA नहीं मिलेगा विकल्प

