नारायणपुर के भ्रमरपुर में सौ वर्षों से घर-घर पहुंचकर मनाई जाती है धूल-खेली और होली ।।
नवगछिया। नारायणपुर प्रखंड का भ्रमरपुर गाँव आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक दृष्टि से काफी समृद्ध माना जाता है। यहां लगभग 100 वर्षों से सभी समुदाय के लोग ढोलक, झाल, मजीरा लेकर सम्पूर्ण गाँव में सभी के दरवाजे पर होकर घूमते हैं। होली के एक दिन पहले धुलखेलि के दिन ब्रज होली के गीत गाते, सैकडों ग्रामीण बड़ी मस्ती के साथ नाचते-गाते देर रात तक पूरे गाँव घूमते हैं। यह कार्य होली के दिन और होली से एक दिन पूर्व धुरखेल के दिन होता है। अभी इस परंपरा को भजन सम्राट डॉ. हिमांशु उर्फ दीपक मिश्र के नेतृत्व में सम्पूर्ण ग्रामवासी प्रेम सद्भाव के साथ मनाते आ रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो. अरविंद कुमार झा, प्रकाश मंडल, हरिकिशोर रविदास, प्रो मिहिर मोहन मिश्र सुमन, नित्यानंद झा, प्रेमझा, बालानंद, कन्हैया, सरपंच प्रतिनिधि रमन जी, पंचायत समिति बमशंकर शाह आदि सैकड़ों ग्रामीण थे। गुरुवार रात के तीसरे प्रहर सुबह 4 बजे के करीब भ्रमरपुर के पुराने हाट पर संवत जलाया गया। होलिका दहन में दर्जनों ग्रामीण खीर-पूरी, पुआ और द्रव लेकर शामिल हुए।