बिहार स्टेट हेड श्रवण आकाश की खास रिपोर्ट
खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के सीएचसी परबत्ता में मरीजों की विधी व्यवस्था की इतनी घटिया जो आप कभी कल्पना भी नहीं किए होंगे। जहां कभी 6 बेड का अस्पताल था । वहीं अब यह 30 बेड का होता दिख रहा है। महज इसके बावजूद भी वर्तमान समय में मरीजों को कड़ाके की ठंढ की रात फर्श पर रात गुजारने को मजबूर होते दिख रहे हैं। अर्थात सीएचसी परबत्ता व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, परबत्ता में मरीज ठंड की रात मरीज फर्श पर बिताते हैं और चिकित्सक हीटरनुमा कमरे में रहते हैं । वहीं दिए गए तस्वीर को गौर से देखने पर पता चल रही है कि मरीजों के साथ ही साथ फर्श पर बीमार ठंड में परिजन भी ठिठुर रहे है। आपको ज्ञात हो कि पुर्व में जब अस्पताल 6 वर्ड का था, तो कोई बात नहीं थी लेकिन अब तो 30 बेड का हो गया। जिसमें पर्याप्त जगह है लेकिन इस अस्पताल की व्यवस्था इतनी लचर फचर होती दिख रही है कि यहां मरीज और उनके परिजन फर्श पर रात गुजारने को मजबूर हैं।अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और उनके परिजन भगवान भरोसे हीं रात गुजारने को विवस रहते हैं।

परबत्ता बाजार में मात्र एक सरकारी अस्पताल की लचर फचर व्यवस्था के कारण ठंड में परिजन और मरीजों को फर्श पर सोना पड़ रहा है। यहां परिजन रात भर कड़ी ठंड में नींद को छोड़ मच्छर मार जागते रहते हैं। यह सब देखते हुए भी अधिकारी मौन हैं। इतनी बदहाली भरी दृश्य व मरीज की बदहाली देखकर भी अस्पताल प्रशासन की नींद अब तक नहीं खुल रही है। जबकि बिहार सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात कह रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शायद कमरे से बाहर नहीं निकलते हैं।कड़ाके की इस ठंड में अधिकारियों के लिए रूम हीटर की व्यवस्था रहती होगी या वह अपने कक्ष से बाहर नहीं निकलते हैं। सुत्रों के कथनानुसार यहां प्रसवी महिला का देखभाल नर्स ही करते हैं। लेकिन मरीजों और उनके परिजन के लिए कोई सुविधा नहीं है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों को एक साधारण सा कंबल दे दिया जाता है, जिससे ठंड नहीं जा सकती है। इससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि कंबल खरीदने में भी प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती गई है। मरीज अपने घर से ठंड से संबंधित कंबल एवं अन्य समान लेकर आते हैं। मरीज किस तरह अस्पताल में भर्ती हैं। इससे अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं है।