जन सुराज पार्टी से एक और बड़ा नाम अलग हो गया है। प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रमंडलीय चुनाव अभियान समिति के संयोजक अमित विक्रम ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया है।
अमित विक्रम ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि “जन सुराज पार्टी में प्रोफेशनल टीम के अत्यधिक हस्तक्षेप और कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाई जा रही है। इस विषय पर संस्थापक प्रशांत किशोर को अवगत कराने के बावजूद उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया।”

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की पेशेवर टीम आम कार्यकर्ताओं और बदलाव के लिए प्रतिबद्ध युवाओं की अनदेखी कर रही है तथा चुनाव में विपरीत विचारधारा के लोगों को उतारने की तैयारी की जा रही है।
अमित विक्रम ने कहा कि उनका मकसद था 20 वर्षों से सत्ता में बैठी भाजपा-जदयू सरकार को उखाड़ फेंकना और छात्रों, शिक्षकों व युवाओं की लड़ाई लड़ना। लेकिन मौजूदा हालात में पार्टी की दिशा और निर्णय उनके मूल उद्देश्य से भटक चुके हैं।
अमित विक्रम ने स्पष्ट कहा कि “अब जन सुराज पार्टी में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए तत्काल प्रभाव से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।”
इस्तीफ़ा देने वालों में शिक्षक समाज से जुड़े इस युवा नेता की गिनती अहम मानी जाती थी, जो अब पार्टी से अलग होकर नए राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर रहे हैं।