
लापता मजदूर के परिजनों और स्थानीय ग्रामीण सीसीटीवी फुटेज की कर रहे मांग


एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज में गड़बड़ी बता झाड़ा पल्ला

श्रवण आकाश खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत अगुवानी- सुल्तानगंज पुल निर्माण कार्यस्थल के पाया संख्या 11 में बीते रविवार सुबह हुई नाव हादसे में लापता मजदूर की दो दिन होने पर भी नहीं हो पाई खोजबीन। स्थानीय गोताखोरों और एसडीआरएफ टीम खोजबीन में हुई असफल। नाव हादसे के कारणों को लेकर कई तरह की बातें आ रही सामने, वहीं इस घटनाक्रम का सही व सच्ची कहानी का नहीं चल रही पता। सीसीटीवी फुटेज की मांग करने पर एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला, कहा सीसीटीवी कैमरे महीनों से ही थी बंद। आपको ज्ञात हों कि बिहार के खगड़िया भागलपुर दो जिले को जोड़ने वाली गंगा ओवरब्रिज, जो अगुवानी सुल्तानगंज गंगा ओवरब्रिज के नाम से मशहूर पुल पर के पाया संख्या 11 के पास बीते रविवार सुबह हीं हुई हादसे में मुख्य रूप से सियादतपुर अगुवानी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग नवटोलिया निवासी सुदामा यादव के 27 वर्षिय पुत्र ब्रजेश यादव को गंगा की तेज धार में समा जाने की सुचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण गंगा घाट पर पहुंच गए । इधर सूचना मिलने के बाद मौके पर परबत्ता थाना की पुलिस मामले में जुट गई। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस घटनाक्रम में लापता मजदूर ब्रजेश यादव अपना नाव पुल निर्माण कार्य में भाडा पर लगाया था, जो रविवार के सुबह हादसे में लापता बताया जा रहा है। इतना ही नहीं वही पाया संख्या 11 से सिटी लोहे के डेक पर खून के धब्बे भी दिखाई दिए इसी के बाद अनुमान लगाया जा रहा हैं, कि बृजेश यादव शायद डेक पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे और पैर फिसलने से दुर्घटना हो गई। लेकिन दुर्भाग्यवश प्रत्यक्षदर्शी मजदूर सबके सब फरार चल रहे हैं।


मालूम हों कि ब्रजेश यादव की शादी छः वर्ष पुर्व हीं मुंगेर जिले के इतौफिर गांव में पत्नी चंदा देवी के साथ हुई थी। जिसे वर्तमान में 4 वर्ष के पुत्र उत्सव कुमार और 2 वर्ष की पुत्री मीठी कुमारी हैं। इतना हीं नहीं इनके एक छोटा भाई जितेन्द्र यादव सहित एक बहन रीता देवी भी है। इतना ही नहीं लापता ब्रजेश यादव के पिता सुदामा यादव किसान हैं और खेती कर अपना जीवन यापन करते हैं। जबकि वहीं इनकी माता गृहिणी का काम करतीं हैं। वहीं इस घटनाक्रम को लेकर परिजनों सहित पुरे क्षेत्रों में मातमी दृश्य बनी हुई हैं। हर कोई लापता मजदूर की खोजबीन की प्रतिक्षा में घटनास्थल पुरी दिन से देर रात भुखे प्यासे आश लगाए बैठे हुए हैं। जबकि लापता परिजनों का रो-रो कर बूरा हाल हैं. वहीं लापता बृजेश यादव के परिजनों ने इस घटनाक्रम को साजिश बताते हुए इससे दुर्घटना मानने से किया इंकार। परिजन ने डीएसपी से बताया कि हत्या करके गंगा में फेंक दिया गया हैं। बृजेश कुमार गंगा पुल निर्माण के लिए लगाई गई कंपनी एसपी सिंगला में ठेके के आधार पर विगत कई महीनों से नाव का संचालन कर रहे थे। निर्माण में लगे कंपनी के कर्मियों को एक किनारे से दूसरे किनारे ले जाने का कार्य करते थे। परिजन बताते हैं कि घायल होने के बावजूद वह तैर कर बाहर नहीं निकल सकते थे। वहीं जिप सदस्य जयप्रकाश यादव, सियादतपुर अगवानी पंचायत की मुखिया स्मृति कुमारी, पंचायत समिति सदस्य मिथिलेश यादव, उपसरपंच सह प्रखंड सरपंच संघ कोशाध्यक्ष बिकेश राय, जदयू उपाध्यक्ष गौतम पोद्दार आदि ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को ढाढस बंधाकर प्रशासन से मामले की जांच की मांग की। इसके साथ ही साथ प्रशासनिक अधिकारियों से एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्यस्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की मांग किया।


वहीं इस मामले को लेकर परबत्ता थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल ने बताया कि सुचना मिलते हीं पुलिस दल बल के साथ घटनास्थल कर मामले की जांच पड़ताल कर रही हैं, दुर्भाग्यवश घटनाक्रम के निर्धारित कारणों की बातें अब तक सामने नहीं आ सकी है। क्योंकि प्रत्यक्षदर्शी मजदूर से बातचीत नहीं होने तक कुछ कहना मुश्किल है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि अब तक में इस घटनाक्रम में ब्रजेश यादव लापता हैं। शेष अन्य लोगों की लापता की बातें जबतक लापता ब्रजेश के साथ मजदूर से बातचीत नहीं होगी, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता।


वहीं इस घटनाक्रम को लेकर परबत्ता जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने अगुवानी सुल्तानगंज पुल निर्माण कार्य के दौरान पुल निर्माण कंपनी की लापरवाही को लेकर पुल के संबंधित अधिकारियों को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है बल्कि तीन दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं। बावजूद इसके लापरवाही में सुधार नहीं की जा रही। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि मेरे एक होनहार और मेरे प्रिय भाई समान ब्रजेश यादव की दुर्घटना में मौत हो गई है। हमारी संवेदना पीड़ित परिवार के प्रति है। मैंने सोचा था कि यह पुल क्षेत्रीय या नहीं बल्कि अंतराज्यीय स्तर पर वरदान साबित होगा, लेकिन यह दिन ब दिन मृत्यु दान साबित हो रही, अर्थात यह पुल मौत का पुल बन गया है। इसके पश्चात उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को उपलब्ध कराने में बहानेबाजी व आनाकानी करने को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई। अंततः बिहार सरकार और जिला प्रशासन से अविलंब पुल निर्माण कंपनी में लापरवाही पर इनसे जुड़े अधिकारियों पर कानूनी कारवाई करने और पीड़ित परिवार को अविलंब उचित मुआवजा प्रदान करने करने को लेकर अगाह किए। वहीं घटनास्थल पर लगातार एसडीओ अमन कुमार सुमन, एसडीपीओ मनोज कुमार का निरिक्षण की जा रही हैं। मौके पर एसडीओ चंद्र किशोर सिंह, प्रभारी शिव कुमार सिंह, प्रशिक्षु दरोगा रोशन प्रसाद, एसआई विजय कुमार, एस आई पंचम कुमार राही, श्याम बाबू आदि पुलिस दल बल लगातार कैंप कर रहे हैं।
