बिहार स्टेट हेड श्रवण आकाश की खास रिपोर्ट
खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों ई-रिक्शा में बैठकर अपने दैनिक कार्य को लेकर एक जगह से दूसरी जगह आवागमन करने वाले लोगों को वर्तमान समय में संभलकर यात्रा करना अतिआवश्यक हैं। क्योंकि वर्तमान समय में नये नविले चालक द्वारा लगातार परिहन विभाग के नियमों को ताक पर रख बेफिक्र सड़कों पर चलते नजर आते हैं, अर्थात परिवहन विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई साफ – साफ नजर आती हैं। बताते चलें कि वर्तमान समय में जब भी आप यात्रा करते होंगे तो अधिकांशतः वाहन की स्टेरिंग नाबालिग चालकों के हाथों में देखने को अवश्य मिलते होंगे। इतना ही नहीं ये नाबालिग चालक सवारी की जान की परवाह किए बिना अपने दोनों कानों में हेडफोन लगाकर अथवा मोबाइल पर बात करते हुए बेतरतीब से वाहन चलाते हुए आपको नजर आ सकते हैं।

इस तरह का नजारा देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें परिवहन विभाग अथवा पुलिस प्रशासन के नियम या कानून का जरा सी भी कोई भय नहीं है। इन नन्हें मुन्हें चालकों को तो न तो परिवहन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए किसी नियम से कोई लेना देना है, जबकि बिहार राज्य सरकार के परिवहन विभाग द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र वालों के वाहन चलाने पर 25 हजार रुपये जुर्माना का प्रविधान किया गया है। इसके बावजूद पुलिस- प्रशासन टोटो चलाने वाले इन नाबालिग चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिसके कारण शहर के अलग-अलग मार्गों पर प्रत्येक दिन टोटो चलाने वाले नाबालिग चालकों की संख्या बढ़ते जा रही है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में अक्सर इन नाबालिग चालकों के बेतरतीब ढंग से वाहन संचालन के कारण जाम भी लग जाता है। इससे लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ती है। अंततः परिवहन विभाग का यह अभियान सुस्त पड़ता दिखाई दे रही है। ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि अगर नाबालिग टोटो चालकों के हाथ से कोई बड़ी दुर्घटना घट जाती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा ?