खरीक के युवाओं को रोजगार की नई उम्मीद, एरिस्टो फार्मा के एमडी से जिला पार्षद गौरव राय

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भोला शर्मा से सकारात्मक बातचीत, रोजगार को लेकर मिले आश्वासन से युवाओं में उत्साह

खरीक/भागलपुर। खरीक प्रखंड के युवाओं के लिए एक बड़ी राहत और उम्मीद की खबर सामने आई है। क्षेत्र के लोकप्रिय जिला पार्षद गौरव राय ने देश की अग्रणी फार्मास्युटिकल कंपनी एरिस्टो फार्मा के प्रबंध निदेशक भोला शर्मा से विशेष मुलाकात की। इस दौरान गौरव राय ने खरीक एवं आसपास के इलाकों के युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार देने की माँग प्रमुखता से उठाई।
इस बैठक को काफी सकारात्मक माना जा रहा है, क्योंकि कंपनी के एमडी भोला शर्मा ने गौरव राय की बातों को गंभीरता से सुना और रोजगार को लेकर आश्वस्त भी किया। जानकारी के अनुसार, बातचीत के दौरान शर्मा ने कहा कि कंपनी बिहार जैसे पिछड़े क्षेत्रों के प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर देने की इच्छुक है, बशर्ते स्थानीय नेतृत्व सहयोग करे और योग्य युवाओं की पहचान की जाए।

युवाओं को मिला मनोबल, उम्मीद की किरण जगी
गौरव राय की इस पहल को लेकर स्थानीय स्तर पर युवाओं में खासा उत्साह है। लंबे समय से सरकारी नौकरी और सीमित अवसरों की वजह से मायूसी झेल रहे युवाओं को अब निजी क्षेत्र में संभावनाएं दिख रही हैं। गौरतलब है कि गौरव राय पूर्व से ही युवाओं, छात्रों और गरीब तबकों की समस्याओं को लेकर सक्रिय रहते हैं, और उनका यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

गौरव राय ने क्या कहा ?
इस मुलाकात को लेकर गौरव राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा
“हमारे क्षेत्र के कई होनहार युवा संसाधनों के अभाव में बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। मैंने एरिस्टो फार्मा जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से आग्रह किया है कि वे खरीक, बिहपुर और नवगछिया क्षेत्र के युवाओं को प्राथमिकता दें। बातचीत बेहद सकारात्मक रही है। आने वाले समय में कुछ ठोस परिणाम देखने को मिल सकते हैं।”
कंपनी और क्षेत्रीय नेतृत्व में समन्वय की शुरुआत
इस बैठक को निजी क्षेत्र और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय की एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि यदि ऐसी पहलकदमी अन्य क्षेत्रों में भी हो तो बिहार के ग्रामीण इलाकों से पलायन को काफी हद तक रोका जा सकता है।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी और मुखिया प्रतिनिधि ने कहा –
“गौरव राय ने जो पहल की है, वह आज के समय में बहुत जरूरी है। सरकारी योजनाओं के भरोसे बैठे रहना अब व्यावहारिक नहीं है। यदि प्राइवेट कंपनियों को क्षेत्र से जोड़ा जाए, तो हमारे युवाओं का भविष्य उज्जवल हो सकता है।”

गौरव राय की इस पहल ने साबित कर दिया है कि जब स्थानीय प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं और युवाओं की समस्याओं को लेकर ठोस प्रयास करते हैं, तो परिणाम भी दिखने लगते हैं। अब देखना यह होगा कि एरिस्टो फार्मा द्वारा दिया गया यह आश्वासन कब और किस रूप में अमल में आता है।
फिलहाल खरीक के युवाओं को रोजगार की दिशा में यह एक बड़ी उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है।

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