बिहपुर। बिहपुर रेलवे स्टेशन और उससे जुड़े रेलक्षेत्र के विकास को लेकर लंबे समय से चल रही मांग अब साकार होती दिख रही है। मंगलवार को विधायक सह सत्तारूढ़ दल के सचेतक इंजीनियर शैलेंद्र ने वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (कार्य/आईओडब्लू) थाना बिहपुर चंदन कुमार से फोन पर विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद विधायक ने बताया कि झंडापुर पूर्वी केबिन से अरसंडी ढाला तक रेलवे रैक प्वाइंट के निर्माण हेतु स्थलीय विजिबिलिटी रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है। विधायक स्वयं उस स्थल का निरीक्षण भी कर चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक रैक प्वाइंट समेत स्टेशन विकास से जुड़े कार्यों पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। विधायक शैलेंद्र ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बिहपुर स्टेशन को अमृत भारत योजना में शामिल कराने, इनवर्ड/आउटवर्ड माल सेवा को पुनः शुरू करने और यहां के 750 एकड़ से अधिक खाली पड़ी रेलवे भूमि का जनोपयोगी इस्तेमाल सुनिश्चित कराना है। इसमें रेलवे ग्रुप-डी ट्रेनिंग सेंटर, रेलकर्मियों के बच्चों के लिए खेल स्टेडियम और उच्चस्तरीय आवासीय परिसर का निर्माण शामिल है।
इसके अलावा विधायक ने रेलवे जीएम से बिहपुर-महादेवपुर बंद पड़ी रेल सेवा को चालू कराने, हमसफर, गरीब नवाज, सीमांचल और डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का ठहराव बहाल करने की मांग रखी है। साथ ही सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पटना जाने वाली ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित करने की अपील भी की है।
स्टेशन विकास के प्रस्तावित कार्यों में शामिल हैं:
नया भवन निर्माण, आधुनिक सुविधाओं से लैस
सौर ऊर्जा प्रणाली से निर्बाध बिजली आपूर्ति
हाईटेक उद्घोषणा प्रणाली
गुड्स शेड व आसपास क्षेत्रों में हाईमास्ट लाइट
पुराने क्वार्टर्स तोड़कर नए क्वार्टर्स का निर्माण
इमली चौक से स्टेशन तक नया फुट ओवरब्रिज
बिहपुर, खरीक और नारायणपुर में रेल फाटकों पर आरओबी का निर्माण
गौरतलब है कि बीते 13 जून को विधायक शैलेंद्र ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे के जीएम छत्रशाल सिंह से मुलाकात की थी। इसके बाद पत्रांक ईसीआर/एडीएम/पीजी/एमपीएमएलए/67/2025 के तहत उन्हें आश्वस्त किया गया कि स्टेशन उन्नयन, विकास और सौंदर्यीकरण संबंधी मांगों पर यथोचित कार्रवाई होगी।
विधायक ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में बिहपुर न सिर्फ एक महत्वपूर्ण यात्री स्टेशन बनेगा, बल्कि यहां से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार मिलेगी।