नरपतगंज की सियासत में नई लहर: पूर्व डीएसपी और प्रोफेसर अखिलेश कुमार ने भरा नामांकन, बोले – “सत्ता नहीं, सेवा मेरी राजनीति का आधार”

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श्रवण आकाश, अररिया नरपतगंज विधानसभा का चुनावी माहौल इन दिनों चरम पर है। शुक्रवार को एक नया समीकरण उस वक्त बना जब पूर्व पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और पटना साइंस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। अनुमंडल कार्यालय परिसर में उमड़े समर्थकों की भीड़ और गूंजते नारेबाज़ी ने माहौल को पूरी तरह चुनावी रंग में रंग दिया।

पुलिस की वर्दी से लेकर शिक्षा की डिग्री तक का लंबा सफर तय करने वाले अखिलेश कुमार अब जनता के बीच जनसेवा की नई पारी खेलने उतरे हैं। नामांकन के बाद उन्होंने कहा,

“वर्दी में रहकर कानून की रक्षा की, अब बिना वर्दी जनता के हक़ की रक्षा करूंगा। राजनीति मेरे लिए सत्ता का साधन नहीं, सेवा का माध्यम है।”

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उन्होंने साफ़ कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास उनकी प्राथमिकता होगी। “नरपतगंज की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, अब समय है व्यवस्था को भीतर से सुधारने का,” उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा।

नामांकन के दौरान युवाओं की भारी मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि पढ़े-लिखे तबके में अखिलेश कुमार की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है। एक युवा समर्थक ने कहा, “अखिलेश सर जैसे शिक्षित और ईमानदार उम्मीदवार ही असली बदलाव ला सकते हैं।”

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अखिलेश कुमार का मैदान में उतरना नरपतगंज की सियासत में “किंगमेकर” या “गेमचेंजर” साबित हो सकता है। पहले से ही राजद, जदयू, भाजपा और जनसुराज के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, अब निर्दलीय अखिलेश के प्रवेश ने इस जंग को और दिलचस्प बना दिया है।

अखिलेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा,

“मैं राजनीति में पारदर्शिता और स्वच्छ छवि लेकर आया हूं। जनता का विश्वास ही मेरी असली ताकत है। विकास और ईमानदारी की राजनीति ही नरपतगंज का भविष्य तय करेगी।”

नामांकन के बाद समर्थकों का जुलूस जब अनुमंडल कार्यालय से निकला, तो सड़कें नारों से गूंज उठीं — “अखिलेश कुमार ज़िंदाबाद”, “शिक्षित नेतृत्व – जनसेवा का नया अध्याय”

पूर्व डीएसपी और प्रोफेसर की छवि वाले अखिलेश कुमार को जनता एक ईमानदार, अनुशासित और शिक्षित चेहरे के रूप में देख रही है। अब देखना यह होगा कि क्या यह “जनसेवा की राजनीति” नरपतगंज की सियासी दिशा को सच में बदल पाएगी या नहीं।


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