रंगरा – पुलिस और अपराधियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ में 25,000 रुपये का इनामी और बिहार-झारखंड के कई जिलों में आतंक का पर्याय बन चुका कुख्यात अपराधी सनोज कुमार मंडल उर्फ गुरूदेव मंडल उर्फ फूफा मारा गया। मुठभेड़ रंगरा थाना क्षेत्र के मुरली चौक के पास हुई, जहां अपराधी किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे थे।

दिनांक 23 मई 2025 की रात्रि को रंगरा थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि गुरूदेव मंडल अपने गिरोह के साथ मुरली चौक के पास एकत्रित हुआ है। सूचना मिलते ही रंगरा थाना, जिला आसूचना इकाई एवं एसटीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके में छापेमारी शुरू की। पुलिस की घेराबंदी देख अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई जवाबी कार्रवाई में गुरूदेव मंडल गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे उपचार हेतु अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना स्थल से बरामदगी:
- हथियार
- जिंदा कारतूस
- खोखा
भाग निकले गिरोह के सदस्य:
घने अंधेरे का फायदा उठाकर गिरोह के अन्य सदस्य फरार हो गए। पुलिस द्वारा लगातार छापेमारी अभियान जारी है।
कौन था गुरूदेव मंडल उर्फ फूफा?
सनोज कुमार मंडल उर्फ गुरूदेव मंडल उर्फ फूफा, पिता दशरथ मंडल, निवासी हरिकॉल, थाना धमदाहा, जिला पूर्णिया—एक बेहद शातिर और खूंखार अपराधी था। उसके खिलाफ पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा और नवगछिया के विभिन्न थानों में दर्जनों संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और आर्म्स एक्ट प्रमुख हैं।
गुरूदेव मंडल का आपराधिक इतिहास:
- हत्या का मामला – धमदाहा थाना कांड संख्या 208/17, धारा 302
- लूट और हथियार – फलका, टिकापट्टी, नवगछिया, पुरैनी, झंडापुर समेत 15 संगीन मामलों में नामजद
- SC/ST एक्ट, आर्म्स एक्ट, संगठित अपराध – कई मामलों में आरोपित
पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी:
कुख्यात अपराधी की मौत को पुलिस ने एक बड़ी सफलता बताया है। अधिकारियों के अनुसार, गुरूदेव मंडल लंबे समय से फरार था और इसके खिलाफ गिरफ्तारी हेतु गैर-जमानती वारंट भी जारी था। इसके मारे जाने से सीमांचल इलाके में अपराधियों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
स्थानीय लोगों में राहत की लहर:
गुरूदेव मंडल की आपराधिक गतिविधियों से दहशत में जी रहे इलाके के आम नागरिकों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। कई लोग इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि अब क्षेत्र में शांति का माहौल लौटेगा।
पुलिस का बयान:
“गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए इस ऑपरेशन में हमारी टीमों ने संयम और साहस के साथ कार्रवाई की। गुरूदेव मंडल की मौत अपराध जगत के लिए करारा झटका है। फरार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है,” – पुलिस अधिकारी।
निष्कर्ष:
गुरूदेव मंडल की मौत के साथ एक लंबे समय से सक्रिय अपराधी का अंत हुआ है। यह घटना पुलिस की सक्रियता और गुप्त सूचना तंत्र की सफलता का प्रतीक मानी जा रही है।