नवगछिया। बिहपुर के खानका-ए-फरीदिया-मोहब्बतिया में गुरूवार को सिलसिले फरीदिया के बानी हुजूर हाफीज फरीदउद्दीन आरबी के पोते हुजूर बाबू मोईनउद्दीन आरबी अलैहिरहमा के सलाना उर्स-ए-पाक को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गद्दीनशीं कोनैन खां फरीदी व नायब गद्दीनशीं मौलाना शब्बर खां फरीदी ने बताया कि हुजूर बाबू मोईनउद्दीन आरबी अलैहिरहमा काफी कम समय में इंतकाल कर गए थे, लेकिन उनके द्वारा दिए शिक्षा पर बल व दीन की खिदमत के लिए उन्हें आज भी जमाना याद करता है। उनके द्वारा लिखी गई एक तौहफतूर रसूल पूरी दुनिया में काफी चर्चित व अच्छी पुस्तकों में एक है। कम उम्र में ही हाफिज, आलीम, मुफ्ती की डिग्री हासिल करने के अलावा एक अच्छे शायर व लेखक भी थे। गद्दीनशीं ने मौजूद लोगों को उनके बताए रास्तों पर चलकर अपने बच्चों को इल्म/शिक्षा के प्रति लगाव बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि बिना इल्म का जीवन आज के समय में जानवर समान है। मौके पर कर्रार खां, रहबर खां, रहनुमा खां, बुशम्स, रोहमा खां, ताजउद्दीन खां, मौलाना अबू सालेह फरीदी, हाफिज आमिर आजम, गुलाम पंजतन फरीदी, जावेद खां, मोअज्जिन फारूख व फारूख खलीफा आदि समेत अन्य कई मौजूद थे। इससे पूर्व गद्दीनशीं व नायब गद्दीनशीं की सदारात व जेरे कयादत में नियाज फातिहा व कुलशरीफ हुआ। जिसके बाद शिरनी को मौजूद अकीदतमंदों के बीच तकशीम/बांटा गया।
खानका में दुआ करते सज्जादानशीं व नायव सजजादानशींखानका में दुआ करते सज्जादानशीं व नायव सजजादानशीं ।। Inquilabindia
