- बीते 3 जुलाई की रात घर मे घुसकर दबंगो ने की थी मारपीट
- घटना के 5 दिनों बाद भी किसी थाने में केस नही हुआ दर्ज
- मामला नारायणपुर के बलाहा गाँव का
वसंत कुमार चौधरी/नवगछिया। सूबे की सरकार नीतीश कुमार ने दलित-महादलित के मान-सम्मान की रक्षा, जानमाल की सुरक्षा के लिए एवं उनके शोषण होने पर रोक लगाने के लिए सभी पुलिस जिले में स्पेशल थाना स्थापित किया ग़या है ताकि कोई दबंग दलितों पर जुल्म न कर सके, लेकिन भागलपुर के नवगछिया पुलिस जिले में इसका सही से पालन नही हो रहा है। जिस कारण महादलितों को दर-दर की ठोकरें खाना पड़ता है। महादलितों के मामलों के लिए सूबे में इतने सख्त कानून लागू होने के बावजूद उनकी कोई सुनने वाला नही है।
ताजा मामला नारायणपुर के भवानीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बलाहा वार्ड संख्या- 10 में बीते 3 जुलाई को स्थानीय दबंगों द्वारा मामूली विवाद में दबंगई दिखाते हुए मजदूरी कर अपना व परिवार का पेट भरने वाले विनोद दास के घर मे बायजबरण घुसकर उनके और परिवार के साथ लाठी डंडे से मारपीट कर घायल कर दिया गया। इतना ही नही दबंगो ने विनोद कि पत्नी कंचन देवी के साथ भी बड़ी बेरहमी से मारपीट किया है। ग्रामीणों के द्वारा बीच-बचाव के बाद घायल विनोद दास को नवगछिया पीएचसी में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद पिछले 5 दिनों से घायल विनोद दास, पत्नी कंचन देवी अपने घर नही लौटी है। शायद दबंगों द्वारा मारपीट के भय से दोनो पति-पत्नी एक दुधमुहे बच्ची के साथ घर से भागे-भागे फिर रहे हैं। जानकारी के अनुसार घटना 3 जुलाई की रात साढ़े नौ बजे की है। आवेदन में पीड़ित कंचन देवी ने लिखा है कि गाँव के दबंग रमन सिंह, रतन सिंह और टुन्नी सिंह ने बायजबरण उसके घर मे घुसकर उनके पति के साथ मारपीट किया है। वही मैं जब पति को बचाने पहुंची तो तीनों ने मिलकर मेरे साथ भी मारपीट किया और केस करने पर जान से मार देने की धमकी दिया है। पति के साथ मारपीट की घटना को लेकर पीड़ित पत्नी कंचन देवी जब स्थानीय भवानीपुर थाना एफआईआर दर्ज करने गई तो भवानीपुर पुलिस ने पीड़ित का आवेदन तक देखना उचित नही समझा और पीड़ित महिला कंचन देवी को एससी एसटी थाना नवगछिया जाने की सलाह देकर पल्ला झाड़ लिया। वही बेवस महिला 4 जुलाई को जब एससी एसटी थाना नवगछिया पहुंची तो वहां एससी एसटी थानाध्यक्ष द्वारा आवेदन तक लेने से इंकार कर दिया गया और अगले दिन आने की बात कहकर घर लौटा दिया। बताया जा रहा है कि अगले दिन एससी एसटी थानाध्यक्ष अवधेश राम द्वारा पीड़ित महिला को थाना पर बुलाया जा रहा था। फिर थानाध्यक्ष द्वारा उसपर केस नही करने और द्वितीय पक्ष से मेलजोल कर लेने का दबाव भी बनाया गया। वही जब पीड़ित ने दबंगो से मिलने से साफ इंकार कर दिया तो थानाध्यक्ष का कहना हुआ कि तुमको चोट कही लगा ही नही है तो केस क्या होगा। वही गुरुवार को पुनः पीड़ित महिला पति के साथ एससी एसटी थाना आवेदन लेकर पहुंची तो थानाध्यक्ष उसपर भड़क गए। थानाध्यक्ष अवधेश राम द्वारा पीड़ित महिला से कहा ग़या कि वहां मैने चौकीदार भेजा था। कोई नही कह रहा है कि उसके साथ मारपीट हुआ है। यहां थानाध्यक्ष का साफ साफ मंतव्य था कि पीड़ित केस न करे। इसके लिए थानाध्यक्ष ने पीड़ित पति-पत्नी को गुरुवार सुबह से ही दोपहर बाद तक थाने में बैठाए रखा। वही जब एक अखबार के पत्रकार वहां पहुंचे तो पति-पत्नी को थाने में बैठकर रोते देखा तो पत्रकार ने उनसे कारण जानना चाहा। जिसके बाद पीड़ित ने आवेदन दिखाते हुए बताया कि चार दिनों से एससी एसटी थाने का चक्कर काट रहा हूँ।
दबंगों द्वारा इतनी बेरहमी से मारपीट करने के बावजूद कोई नही सुन रहा है। थानाध्यक्ष द्वारा आवेदन फाड़ कर फेंक देने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित महिला के पति घायल बिनोद दास ने बताया कि हमलोग घर नही जाएंगे अगर जाएंगे तो तीनों दबंग मिलकर फिर मारपीट करेगा। मारपिट करते वक्त वहां कोई नही बचाता है भैया और वहां को पूलिस तो थाना से भगा देता है। पीड़ित पति-पत्नी ने नवगछिया एसपी शुशांत कुमार सरोज से आग्रह किया है कि उसे दबंगों से बचा ले और तीनों पर कानूनी कार्यवाई करने की गुहार लगाया है।