नाथनगर सिपाही प्रशिक्षण केंद्र में गूंजा “दीदी की रसोई” का स्वाद!

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अब पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में जीविका दीदियाँ परोसेंगी घर जैसा स्वाद, मिल रहा 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार

भागलपुर – अब पुलिस प्रशिक्षण के दौरान जवानों को मिलेगा स्वाद, सेहत और आत्मीयता से भरपूर भोजन – और वह भी जीविका दीदियों के हाथों से!

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नाथनगर स्थित सिपाही प्रशिक्षण केंद्र में आज “जीविका दीदी की रसोई” का रंगारंग शुभारंभ हुआ। इस पहल से न केवल 1,000 से अधिक नव नियुक्त पुलिसकर्मियों को प्रतिदिन शुद्ध, पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन मिलेगा, बल्कि 70 से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं रसोई संचालन से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।

रसोई का उद्घाटन सीटीएस नाथनगर के प्राचार्य सह पुलिस अधीक्षक और जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने कहा,

> “दीदी की रसोई से मिलने वाला खाना इन सुरक्षा कर्मियों के लिए सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि घर जैसी आत्मीयता और संबल का अहसास है।”



नवगछिया में भी शुरू हुआ सेवा भाव

इससे पहले सोमवार को नवगछिया के पुलिस लाइन में भी श्रृष्टि जीविका संकुल स्तरीय संघ की 24 दीदियों ने पुलिस प्रशिक्षणार्थियों के लिए भोजन सेवा शुरू की है, जहाँ 260 जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं।

भागलपुर में दीदी की रसोई की ताकत बढ़ी – अब कुल 8 केंद्रों पर संचालन

पुलिस और जीविका के बीच हुए समझौते के तहत भागलपुर जिले में अब तक कुल 8 जगहों पर “दीदी की रसोई” संचालित हो रही है।
इनमें:

सिपाही प्रशिक्षण केंद्र, नाथनगर

पुलिस लाइन, नवगछिया

विभिन्न सरकारी अस्पताल

डॉ. अंबेडकर आवासीय विद्यालय


इन रसोइयों से करीब 200 से अधिक दीदियों को सीधा रोजगार मिला है – यह महिला सशक्तिकरण का एक प्रभावशाली उदाहरण बन चुका है।

“दीदी की रसोई” – नारी शक्ति का स्वाद और स्वाभिमान

यह रसोई सिर्फ खाने तक सीमित नहीं – यह ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और सामूहिक प्रगति की रसोई बन गई है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ये महिलाएं अब ना सिर्फ अपनी आजीविका चला रही हैं, बल्कि सरकारी संस्थानों के संचालन में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

“दीदी की रसोई” – जहाँ हर निवाला बनता है सम्मान, सेवा और स्वावलंबन का प्रतीक।

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