सोनबरसा में गूंजी आपदा जागरूकता की आवाज़, बच्चों ने सीखा जीवन बचाने का हुनर

IMG 20250701 WA0026

“आपदा नहीं है भारी, जब हो पूरी तैयारी”

बिहपुर। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में मध्य विद्यालय हरिजन टोला सोनबरसा और मध्य विद्यालय सोनबरसा दियारा में मंगलवार को जन चेतना टीम द्वारा आपदा जोखिम जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अगुवाई अंचल समन्वयक मुख्तार खान ने की, जिसमें बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों की उल्लेखनीय भागीदारी रही।

कार्यक्रम की विशेषता रही “मॉक ड्रिल”, जिसमें प्रशिक्षित आपदा मित्र शंभू राम, मिट्ठू रजक और विश्वजीत कुमार ने ठनका (आकाशीय बिजली) और डूबने से बचाव के व्यावहारिक उपाय बच्चों को सिखाए। स्कूली परिसर कुछ देर के लिए प्रशिक्षण केंद्र में तब्दील हो गया, जहाँ बच्चों ने सीखा कि संकट के समय कैसे संयम और सतर्कता से जान बचाई जा सकती है।

समन्वयक मुख्तार खान ने कहा –

“आपदा कभी बता कर नहीं आती। ऐसे में समुदायों को सजग, सतर्क और तैयार रहना जरूरी है। सरकार जन-जागरूकता अभियानों से यह सुनिश्चित कर रही है कि आपदा का खतरा कम हो और लोग खुद बचाव में सक्षम बनें।”

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा प्रभावितों का है, और जब लोग खुद जागरूक होंगे तभी जान-माल का नुकसान रोका जा सकेगा।

दोनों विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्रों, अभिभावकों और पूरे समुदाय को व्यावहारिक और जीवनरक्षक ज्ञान मिला है।
बीएसडीएम (BSDM) टीम और आपदा मित्रों का आभार जताते हुए उन्होंने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की मांग की।

प्रमुख संदेश:

  • ठनका से बचाव = खुले में मोबाइल/छाता नहीं चलाएं
  • बाढ़ में सतर्कता = ऊँचे स्थान पर जाएं, विद्युत प्रवाह से बचें
  • आपदा से निपटने के लिए समूह चेतना और आत्मनिर्भरता जरूरी

यह कार्यक्रम सिर्फ एक ड्रिल नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का पाठ था।
सोनबरसा के स्कूलों में आज डिग्रियां नहीं, जागरूकता की ढालें बंटी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *