नवगछिया: ट्रक मालिकों के सब्र का बाँध अब टूटता दिख रहा है। नवगछिया अनुमंडल ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने आज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को एक पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने भागलपुर जिले के कुछ परिवहन पदाधिकारियों और कथित इंट्री माफियाओं के गठजोड़ का सनसनीखेज खुलासा किया है।

क्या है मामला?
पत्र में एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि भागलपुर के सबौर इलाके के दो युवकों – सुमित कुमार और विवेक कुमार – द्वारा एक संगठित गिरोह चलाया जा रहा है, जो ओवरलोड ट्रकों से अवैध रूप से पैसे वसूलता है। ये दोनों कथित तौर पर नए एसी, एमवीआई और ‘मोबाइल’ नामक विभागीय कर्मियों के नाम पर सड़कों पर घूमते हैं और खुद को अधिकारी के चालक बताकर ट्रक चालकों को डरा-धमका कर ‘इंट्री पासिंग’ के नाम पर मोटी रकम ऐंठते हैं।

नंबर नहीं मिला तो गाड़ी जब्त
एसोसिएशन का कहना है कि ये माफिया देर रात जहान्वी चौक से लेकर नारायणपुर के बीच ट्रकों को रोकते हैं। यदि ट्रक का नंबर उनके ‘सूची’ में नहीं होता, तो उसे जब्त कर खनन अधिनियम का डर दिखाकर अवैध वसूली की जाती है।

15 अप्रैल की घटना का हवाला
पत्र में यह भी बताया गया है कि 15 अप्रैल की रात 1:30 बजे इन माफियाओं ने कई गाड़ियों को रोका, जिनसे नकद और स्कैनर के ज़रिए पैसा वसूला गया। पैसा एक पेट्रोल पंप पर स्कैन करवाया गया, जिसके मैनेजर ने बाद में जीरो माइल थाना में शिकायत भी दर्ज करवाई।
चौंकाने वाली बातें
जिन गाड़ियों से वसूली होती है, उनमें पुलिस का लोगो लगा होता है, जिससे आम लोग भ्रमित हो जाते हैं।
गिरोह को कथित रूप से परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
गिरोह के पास कई मोबाइल नंबर हैं, जिनसे इंट्री पासिंग और वसूली का सारा खेल चलता है।
ट्रक ऑनर एसोसिएशन की माँग
- सुमित और विवेक समेत अन्य माफियाओं के मोबाइल नंबरों की जाँच।
- तेतरी जीरो माइल क्षेत्र में घूम रही संदिग्ध गाड़ियों की जाँच।
- सभी माफियाओं की गिरफ्तारी।
- अवैध वसूली के पैसों की लेन-देन की गहन जाँच।
- इस गिरोह को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई।
- रात में हो रही अवैध वसूली पर रोक।
- 15 अप्रैल की घटना की स्वतंत्र जांच।
संजीव कुमार सिंह उर्फ झाबो दा, कार्यकारी अध्यक्ष, और अन्य पदाधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नियम के अनुसार कारोबार करने वाले ट्रक मालिक अब मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। यदि प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन की राह अख्तियार की जाएगी।
क्या नवगछिया प्रशासन इस गम्भीर आरोप की जांच कर सच्चाई सामने लाएगा? क्या ट्रक मालिकों को मिलेगा न्याय? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा।