श्रीरामपुर ठुठ्ठी में ‘खराब सड़क’ पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा – ठेकेदार को घेर कर कार्य रुकवाया, उच्चस्तरीय जांच की मांग तेज

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श्रवण आकाश, खगड़िया, खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र में रविवार की शाम उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब खीराडीह पंचायत अंतर्गत श्रीरामपुर ठुठ्ठी के ग्रामीणों ने गांव को जोड़ने वाली सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप लगाते हुए ठेकेदार और उसकी टीम को घेर लिया। देखते ही देखते घटनास्थल पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए और कार्य स्थल पर जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना था कि वर्षों बाद सड़क निर्माण की बारी आई, लेकिन ठेकेदार पूरी योजना को मजाक बना रहा है।

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अगुवानी–सुल्तानगंज मुख्य मार्ग से खीराडीह गांव को जोड़ने वाली यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए जीवनरेखा मानी जाती है। लेकिन मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों ने पाया कि निर्माण कार्य में न तो मानक का पालन हो रहा है और न ही गुणवत्ता का ख्याल रखा जा रहा है। ग्रामीण नवीन सिंह, अनिल गोसाई, बालकिशोर सिंह, आलोक कुमार और सोनू कुमार ने एक स्वर में कहा कि सड़क निर्माण कार्य में भारी धांधली चल रही है। 12 इंच की परत की जगह सिर्फ 5 इंच तक ही निर्माण किया जा रहा है। इससे सड़क बनने से पहले ही टूटने का खतरा बना रहेगा।

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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस्तेमाल हो रहा बालू मिट्टी से मिलाया हुआ है, जिससे सड़क की मजबूती पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। साथ ही लगाए जा रहे सीमेंट और गिट्टी की गुणवत्ता भी बेहद खराब बताई जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार “तीन नंबर का सीमेंट” और मानक से काफी नीचे दर्जे की गिट्टी काम में लगाई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ऐसे ही सामग्री का उपयोग हुआ तो यह सड़क कुछ ही महीनों में उखड़ जाएगी और सरकारी पैसे की खुली लूट हो जाएगी। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मौके पर ही निर्माण कार्य को तुरंत बंद करवा दिया और मांग की कि संबंधित विभाग के अधिकारी खुद मौके पर आकर सड़क की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करें। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक गुणवत्ता पूर्ण निर्माण की गारंटी नहीं दी जाएगी, तब तक काम को दोबारा शुरू नहीं होने दिया जाएगा।

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उधर, ग्रामीणों द्वारा घेरने के बाद मौजूद ठेकेदार और कामगारों की टीम ने अपनी सफाई में कहा कि ऊपर से जैसा आदेश मिलता है उसी हिसाब से काम किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ग्रामीणों द्वारा बताई गई खामियों को ठीक किया जाएगा और जहां खराब सामग्री का उपयोग हुआ है, उसे वापस किया जाएगा। ठेकेदार ने यह भी कहा कि अधिकारियों को इसके संबंध में सूचित कर दिया जाएगा और गुणवत्ता सुधार पर तुरंत कदम उठाए जाएंगे।
ग्रामीणों ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ग्रामीण सड़कों को मजबूत बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से आए दिन घटिया निर्माण कार्य सामने आते रहते हैं। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो पूरे क्षेत्र में विकास कार्य सिर्फ कागजों पर ही होते रह जाएंगे।
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी खगड़िया, बीडीओ परबत्ता तथा संबंधित विभाग के अभियंता से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि सड़क निर्माण कार्य का पुनः मूल्यांकन कर मानक के अनुसार निर्माण कराया जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क हजारों लोगों को जोड़ती है, इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
घटना के बाद पूरे इलाके में चर्चाओं का माहौल है। लोग खुलेआम यह सवाल उठा रहे हैं कि जब निर्माण के शुरुआती चरण में ही इतनी बड़ी खामियां मिल रही हैं, तो काम पूरा होने के बाद सड़क कितने दिनों तक टिक पाएगी? फिलहाल ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि जब तक उच्चस्तरीय जांच नहीं होती और खराब सामग्री का उपयोग बंद नहीं किया जाता, तब तक सड़क निर्माण शुरू नहीं होने दिया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन ने भी मामले की जानकारी मिलते ही जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस बार उनकी आवाज को अनसुना नहीं किया जाएगा और मानक के अनुसार मजबूत, टिकाऊ व गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण सुनिश्चित कराया जाएगा।

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