देखिए जी कैसा नजारा हो रहा है,
अब तो ये माहौल शरारा हो रहा है।
हर तरफ दागी जा रही मिसाइलें,
मुल्क को कैसा ख़सारा हो रहा है।
यूँ गुबार छा गया है आस्माँ पर ,
चाँद तो जैसे सितारा हो रहा है।
रंगत बदलती जा रही है अब तो,
वो चमन था अब सहरा हो रहा है।
मोहब्बतों से नवाजो अब तो महेंद्र”
हुक्म ये कैसा करारा हो रहा है ।
__महेंद्र श्रीवास्तव