‘युवा सशक्तिकरण महाआयोजन’—जन्म शताब्दी वर्ष 2026 की पूर्वभूमि में जागी राष्ट्रनिर्माण की लौ

IMG 20251207 WA0016

पटना के बापू सभागार में युवाशक्ति का अद्भुत संगम, डॉ. चिन्मय पण्ड्या, नित्यानन्द राय और खान सर ने भरा जोश

श्रवण आकाश, पटना। अखिल विश्व गायत्री परिवार, प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ बिहार द्वारा आयोजित ‘युवा सशक्तिकरण महाआयोजन’ जन्म शताब्दी वर्ष—2026 की विद्युन्मय पूर्वभूमि बनकर उभरा, जहाँ आध्यात्मिक तेज, राष्ट्रीय विचार और युवाशक्ति अद्भुत समरसता में एकत्रित दिखाई दिए। बापू सभागार में उमड़ी युवाओं की भारी भीड़ ने यह संदेश दिया कि आने वाला शताब्दी वर्ष केवल आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण की ध्वनि है। कार्यक्रम में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने अपनी पावन उपस्थिति से वातावरण को ऊर्जावान बना दिया। उनके साथ मंच पर भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानन्द राय तथा देश के चर्चित शिक्षाविद् खान सर मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान थे।

img 20251207 wa00176983845858741460506

दो दिवसीय बिहार प्रवास के क्रम में पटना पहुँचे डॉ. पण्ड्या जी ने युवाओं से आत्मोत्कर्ष, राष्ट्रभाव और चरित्र–निर्माण का मंत्र साझा किया। उन्होंने मंच संबोधन की शुरुआत इस प्रेरक विचार के साथ की— “श्रेष्ठ इंसान वह है, जो निरंतर निखरता हुआ आगे बढ़ता जाए। जीवन में तीन सूत्र—आगे बढ़ने का, ऊपर उठने का और अच्छा करने का—हर युवा के पथप्रदर्शक होने चाहिए।” उनके शब्दों में विवेकानंद की तेजस्विता, राष्ट्रधर्म की महत्ता और युवाशक्ति के प्रति गहरी आस्था प्रतिध्वनित हो रही थी। उन्होंने कहा कि युवा केवल भविष्य नहीं, वर्तमान का निर्णायक स्वरूप हैं। यदि दिशा और दृष्टि सही हो, तो युवा किसी भी राष्ट्र का भाग्य बदल सकते हैं।

img 20251207 wa00238486815637782543033

अपने प्रेरक उद्बोधन में डॉ. पण्ड्या ने परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की तप–यात्रा का स्मरण कराते हुए कहा—
“गुरुदेव की तप–यात्रा के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। यह केवल किसी दीपक का शतक नहीं, बल्कि ईश्वरीय योजना के 100 वर्षों का जीवंत इतिहास है। आने वाला शताब्दी वर्ष हम सबको राष्ट्र, समाज और अपने चरित्र के लिए पूर्ण समर्पण का संदेश देता है।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आत्म–निर्माण और राष्ट्र–निर्माण को एक ही धारा के दो किनारे मानें और जन्म शताब्दी वर्ष को परिवर्तन की ऐतिहासिक घड़ी बनाएं।

img 20251207 wa00205826276270826550673

इसके बाद मंच पर गृह राज्य मंत्री माननीय श्री नित्यानन्द राय जी ने उत्साहपूर्ण संबोधन दिया। उन्होंने युवाओं के भीतर संस्कृति, आत्मसम्मान और राष्ट्रधर्म की प्रतिष्ठा को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व मंच पर नए आत्मविश्वास के साथ खड़ा है, और इस यात्रा का नेतृत्व युवाशक्ति के हाथों में ही सुरक्षित है। वहीं, अपने ओजस्वी व सरल वक्तव्य से युवाओं का मन जीतने वाले खान सर ने ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ के आदर्शों को जीवन में उतारने का आवाहन किया। उन्होंने “रघुकुल रीति सदा चली आई…” के उदाहरण से समझाया कि चरित्र, मर्यादा और अनुशासन ही किसी राष्ट्र की वास्तविक पूंजी है। भारतीय संस्कृति, अखण्ड भारत की अवधारणा और युवा–जिम्मेदारी पर उनके विचारों ने सभागार में उपस्थित युवाओं को नया संबल दिया।

img 20251207 wa00128132115844755176071

कार्यक्रम के दौरान मंच से लेकर सभागार तक प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने अनुशासित तरीके से अतिथियों का स्वागत किया। बीच–बीच में आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, देशभक्ति गीतों, नृत्यों और प्रेरणादायक कथाओं ने वातावरण को राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। युवाओं की भागीदारी ने यह स्पष्ट किया कि आने वाला समय भारत के नवजागरण का स्वर्णिम अध्याय बनने जा रहा है। डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को आध्यात्मिक ऊँचाई प्रदान की। गुरुदेव के विचारों, युग–निर्माण के संदेशों और युवा चेतना की ऊर्जा ने प्रत्येक प्रतिभागी के भीतर एक नई ज्योति प्रज्वलित कर दी। हर युवा के हृदय में यह प्रेरणा आकार ले रही थी कि व्यक्तिगत उत्थान ही सामाजिक परिवर्तन का आधार है।

img 20251207 wa00144789796968192278564

कार्यक्रम के समापन पर हजारों युवाओं ने देव स्थापना के चित्र के साथ राष्ट्र–निर्माण का सामूहिक संकल्प लिया। संकल्प की यह गूँज बताती है कि जन्म शताब्दी वर्ष—2026 केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक महाअभियान बनने वाला है, जिसमें युवा ही परिवर्तन के ध्वजवाहक होंगे।युवा सशक्तिकरण का यह महाआयोजन बिहार ही नहीं, पूरे देश की युवा चेतना को एक नई दिशा देता हुआ दिखाई दिया—एक ऐसी दिशा, जहाँ अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति मिलकर नवभारत के निर्माण की राह प्रशस्त कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *