शिक्षक दिवस पर गुरु – शिष्य के जगह भाई बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन का बना माहौल

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शिक्षक दिवस पर गुरु – शिष्य के जगह भाई बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन का बना माहौल

बिहार स्टेट हेड श्रवण आकाश की ये खास रिपोर्ट

सच ही कहा गया है कि एक शिक्षक का अपना ही संसार होता है जिसमें उसके छात्र बसते हैं । सरस्वती पुत्र शिक्षकगण पृथ्वी पर परिवार, समाज और देश के सबसे बड़े हितेषी हैं । उनकी योग्यता से नया संसार सृजित होता है ।।

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आज 5 सितंबर अर्थात शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर शिक्षण संस्थानों में आज शिक्षक दिवस मनाया गया । डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति भारतीय संस्कृति के संवाहक प्रख्यात शिक्षाविद महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिंदू विचार के थे, उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। इन्होंने राजनीति में ऊंचे पद पर आसीन होने के बाद भी अपने आप को शिक्षक की माना इसलिए इनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है ।जहाँ इस कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले शिक्षक ने डाॅक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तस्वीर पर माल्यार्पण किया, फिर तेल चित्र पर हीं पुष्प अर्पित कर किया ।

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शिक्षक दिवस को लेकर खगड़िया जिला अंतर्गत परबत्ता प्रखण्ड के कन्हैयाचक गाँव निवासी शिक्षक अमीत कुमार ने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे आदर्श थे हैं और हमेशा रहेंगे । उनके कथनानुसार हमें चलना चाहिए हमें अच्छा व्यक्ति बनने के लिए उनकी सारी बातों को माननी चाहिए।।

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वहीं परबत्ता बाजार के रहिमपुर मोर पर अंग्रेजी विषयों की एकमात्र ऐसा शिक्षण संस्थान “भारती कोचिंग सेंटर” जहाँ रिजल्ट में हर वर्ष विद्यार्थियों की अधिकतम् अंक लाने में एकमात्र शिक्षक मधुकर माहीं उर्फ छोटु मास्टर जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अन्य शिक्षण संस्थानों के जैसे ही अपने शिक्षण संस्थान में बच्चों के साथ हर्षोल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया, लेकिन विश्व भर में सायद पहले ऐसे शिक्षक मधुकर माहीं उर्फ छोटु मास्टर होंगे, जिन्हौने अपने छात्राओं विद्यार्थियों के हाथों अपने दाहिने हाथ में राखी पहनकर भी छात्राओं के साथ एक अलग पहचान व रिश्ते बनाया। साथ ही साथ शिक्षक मधुकर माहीं उर्फ छोटु मास्टर ने बताया कि आजकल के नकारात्मक माहौल में नकारात्मक सोच वाले के दिलों में गुरु – शिष्य के रिश्ते के साथ ही साथ भाई बहन की भी रिश्ता एक अहम मायने रखती है। अंततः नाकारात्मक सोच वाले के जुबानों पर भाई बहनों के भी पवित्र रिश्ते का एक तमाचा मार सकारात्मक सोच का संदेश दिया। जो दुनिया में सभी शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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