रवींद्रनाथ ठाकुर नवगछिया: जदयू के मुख्य जिला प्रवक्ता रवि कुमार ने जातिगत जनगणना को समय की मांग बताया है. उन्होंने कहा कि राज्यों को जातिगत जनगणना और ओबीसी वर्ग की पहचान का अधिकार है. जदयू जातिगत जनगणना के द्वारा उचित अनुपात में आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी की मांग कर रही है. किसी भी वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए उसकी वास्तविक संख्या, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का आंकलन करना आवश्यक है. यदि समाज में विभिन्न वर्गों की वास्तविक स्थिति का आंकलन नहीं हो तो वंचित वर्गों के लिए नीति-निर्माण असंभव है. यदि कोई वर्ग आंकलन के अभाव में वंचित या हासिये पर हो तो राज्य या राष्ट्र के समूचित विकास की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. कोई भी राष्ट्र सही मायने में तभी विकसित होगा जब समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित हो. यदि आबादी के अनुपात में समाज के वंचित वर्ग को उचित हिस्सेदारी या लाभ नहीं मिलता है तो हम कह सकते हैं कि देश में व्यापक असमानता व्याप्त है. समाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए इस असमानता को दूर करने की जरूरत है. जाति आधारित राजनीति कोई नई समस्या नहीं है और इसका बहाना बनाकर जो वंचित या हासिये पर हैं उन्हें नजरअंदाज करना गलत होगा. जातिगत जनगणना के विरोधी यह दावे के साथ नहीं कह सकते हैं कि अभी राजनीति को जातिवाद प्रभावित नहीं करता है और वे इसमें शामिल नहीं हैं. समाज के समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है और हम इसके लिए सदैव संघर्षरत रहेंगे.
समय की मांग है जातिगत जनगणना: रवि कुमार
