जय जय स्वामी रामानंद आचारे
भगत जनो के कारज आपही सारे
आपही चँदा आपही तारे सब रूप तरारे
आपही भगत जनो का कस्ठ नीहारे
आपही गयानी आपही गूणी आपही सास हमारे
आप बीना हम ससो को कसे सहारे
आप ही तन हैं आपही मन है मेरे नेण तूमाहारे
आप ही नेण हो जगं देखु सारै
जय जय स्वामी रामान्नद आचारे
सरण मे आया आपके आया दवारे
मुकती देवो दास को जूग जूग हुँ तहारे
जय जय गरू देव जी की
गिरधारी रामावत