नगर निगम प्रशासन के नकारेपन के कारण भागलपुर शहरी क्षेत्र का इलाका तालाब में तब्दील ।।
हम जो आपको तस्वीर दिखाने जा रहे हैं , यह बरबस ही पटना के जल प्रलय की कहानी दोहराने वाली लगती है , यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि स्मार्ट सिटी भागलपुर से निकलकर सामने आने वाली यह तस्वीर भागलपुर नगर निगम प्रशासन के नकारेपन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है, यह तस्वीर भागलपुर के मिरजान हाट से वारसलीगंज तक के कई मोहल्लों के हजारों लोगों को बरसात के कारण होने वाली परेशानियों को बयान करने वाली है , यह भागलपुर नगर निगम के महापौर सीमा शाह के वार्ड नंबर 50 की दास्तान है , यह मिरजान ,वारसलीगंज, सिकंदरपुर, कमलनगर सहित आसपास के कई मुहल्लों और भागलपुर शहरी क्षेत्र के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की परेशानियों की आवाज है ,मानसून की पहली बारिश में ही नगर निगम के द्वारा नाली की उडाही नहीं किए जाने और ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं किए जाने के कारण पूरी तरह से यह इलाका जलमग्न हो गया है ,और पूरा क्षेत्र स्विमिंग पूल में तब्दील हो गया है, यह पूरा इलाका स्मार्ट सिटी भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां के लोगों को जलजमाव के कारण काफी कठिनाइयों का सामना कर ठेहुने भर पानी में आवाजाही करने को विवश दिख रहे हैं, इस दौरान परेशान लोग नगर निगम के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधीयों को जमकर कोसते नजर आ रहे हैं, स्थानीय मनोहर प्रसाद कहते हैं कि जब मेयर के वार्ड की स्थिति है ,तो आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि स्मार्ट सिटी भागलपुर के अन्य वार्डों की क्या स्थिति होगी, वहीं कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता और भागलपुर विधायक अजीत शर्मा एक बार फिर नगर निगम प्रशासन के कार्यशैली को लेकर सरकार पर हमला बोला है , कांग्रेस विधायक ने कहा है कि नगर निगम प्रशासन उदासीन है और स्मार्ट सिटी परियोजना में लूट मची हुई है, विधायक ने अधिकारियों पर काम नहीं करने और जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं किए जाने का भी आरोप लगाया है, साथ ही अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्मार्ट सिटी के लोगों को हो रही परेशानियों का भागलपुर पहुंच कर जायजा लेने की भी बात करते हुए कहा कि किस तरह से भागलपुर के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं, वह मुख्यमंत्री आकर खुद देख लें, बिहार और झारखंड में स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित होने वाले पहले शहर का दर्जा रेशमी शहर भागलपुर को प्राप्त हुआ था ,लेकिन भागलपुर शहरी क्षेत्र का सूरते हाल देखकर आक्रोशित शहरवासी नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण भागलपुर नगर निगम को नरक निगम का दर्जा देने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं, मामला जो भी हो ,लेकिन अगर समय रहते नगर निगम प्रशासन, जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने को लेकर कवायद नहीं करते हैं, तो आने वाले समय में भागलपुर की भी स्थिति पटना में 2 वर्ष पूर्व हुए जल प्रलय के समान हो जायेगा।।