फिर तुझको मैं अपने बहुत करीब पाता हूँ
तेरी खूबसूरत आँखों मेंं
तेरी मां का वीता हुआ अक्स पाता हूँ।
तेरे ही लिए यह नयी दुनिया सजाता हूँ।
जब भी महसूस करूं अकेलापन तुझको
ही अपने पास पाता हूँ।
है तू मेरी प्यारी विटिया
तेरे लिए ही हर रोज
नये सपने सजाता हूँ ।
लगता है उस जहांन की परी हो तुम
माँ की लाड़ली और पापा की प्यारी
हो तुम ।
और भाई की दुलारी हो तुम।
घर भर मे सबसे न्यारी हो
जो भी हो पापा की प्यारी हो तुम
ईश्वर खुश रखे,तुम्हें किसी की नजर
न लगे।
लेखक:-यू.एस.बरी
लश्कर,ग्वालियर,म.प्र.