बेटियाँ

डॉ. आशुतोष (हिंदी प्राध्यापिका

दुनिया में सबसे प्यारी होती हैं बेटियाँ
धैर्य, त्याग, समपर्ण में सबसे न्यारी होती हैं बेटियाँ
हौंसले होते है बुलन्द शिखर चढ़ती हैं बेटियाँ
सदा ही नूतन पृष्ठ इतिहास के गढ़ती हैं बेटियाँ
अडिग इरादों से रुख हवा के मोड़ती हैं बेटियाँ
माटी की आन, बान, शान पर लड़ती हैं बेटियाँ
महाशक्ति का अमिट वरदान होती हैं बेटियाँ
दो कुलों की देखो पहचान होती हैं बेटियाँ
सारे ही रिश्ते दिल से निभातीं हैं बेटियाँ
दुःख रूपी तम को दूर कर प्रकाश फैलाती है बेटियाँ
तोड़कर बाधाओं को अपना फर्ज निभाती हैं बेटियाँ
पल भर का नेह पाकर खिलखिलाती हैं बेटियाँ
सरिता के समान तरल-सरल होती हैं बेटियाँ
शाख जैसी कोमल और सरस होती हैं बेटियाँ
सहन शक्ति की साक्षात मूरत होती हैं बेटियाँ
देखो, समझो, सोचो, भगवान की सूरत होती हैं बेटियाँ
दुनिया में सबसे महान होती हैं बेटियाँ
धैर्य, त्याग, बलिदान का प्रतीक होती हैं बेटियाँ
दुनिया में सबसे महान होती हैं बेटियाँ
धैर्य, त्याग, समपर्ण की पहचान होती हैं बेटीयाँ

डॉ. आशुतोष (हिंदी प्राध्यापिका)
राजकीय महाविद्यालय जाटौली,
हेलीमंडी, गुरुग्राम

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